नई दिल्ली: बुधवार को राष्ट्रपति रामनाम कोविंद ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने की घोषणा की है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) सुप्रीमो और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आर्टिकल 370 के मुद्दे पर पार्टी के दो राज्यसभा सांसदों को इस्तीफा देने का निर्देश दिया है।

हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, जब महबूबा मुफ्ती घर से गेस्ट हाउस शिफ्ट हो रही थीं, जहां पर उन्हें गिरफ्तार किया गया है, तब उन्होंने संदेश दिया कि इस्तीफा दें या फिर निष्कासन का सामना करें।

पीडीपी के दोनों सदस्यों नजीर अहमद लवाय और मीर मोहम्मद फयाज ने राज्यसभा में पेश, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त करने संबंधी एक संकल्प और राज्य को दो केंद्र शासित क्षेत्रों…. जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में विभाजित करने के प्रावधान वाले विधेयक का विरोध किया था।

बुधवार को राष्ट्रपति रामनाम कोविंद ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने की घोषणा की है। संसद के दोनों सदन में इससे संबंधित संकल्प पारित होने के बाद राष्ट्रपति ने यह घोषणा की। आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया, ‘‘भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 के खंड 1 के साथ पठित अनुच्छेद 370 के खंड 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए राष्ट्रपति संसद की सिफारिश पर यह घोषणा करते हैं कि छह अगस्त 2019 से उक्त अनुच्छेद के सभी खंड लागू नहीं होंगे… सिवाय खंड 1 के।’’

भाजपा नेतृत्व वाली सरकार ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने का प्रस्ताव पेश किया था। उसी दिन यह राज्यसभा में पारित भी हो गया था। लोकसभा ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के प्रस्ताव संबंधी संकल्प भारी बहुमत से मंगलवार को स्वीकृति दी।

लोकसभा ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के प्रस्ताव संबंधी संकल्प को 72 के मुकाबले 351 मतों से स्वीकृति दी। एक सदस्य ने मत विभाजन में हिस्सा नहीं लिया । वहीं, निचले सदन ने जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019 को 70 के मुकाबले 370 मतों से स्वीकृति दी।

संसद ने मंगलवार को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा संबंधी अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के प्रस्ताव संबंधी संकल्प और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी थी।

सोमवार को महबूबा मुफ्ती ने अनुच्छेद 370 पर उठाए गए सरकार के कदम को लेकर कह चुकी हैं कि भारत कश्मीर के साथ किए गए अपने वादों को पूरा करने में विफल रहा।

उन्होंने कहा कि “अनुच्छेद 370 निरस्त” करने का सरकार का एकतरफा फैसला अवैध एवं असंवैधानिक है। महबूबा ने ट्विटर पर कहा कि इससे जम्मू-कश्मीर पर सारे अधिकार भारत को मिल जाएंगे। उन्होंने ट्वीट किया, “आज का दिन भारतीय लोकतंत्र का एक स्याह दिन है। 1947 में दो राष्ट्रों के सिद्धांत को खारिज करने तथा भारत के साथ जाने का जम्मू कश्मीर नेतृत्व का फैसला भारी पड़ गया। अनुच्छेद 370 रद्द करने का भारत सरकार का एकतरफा फैसला अवैध एवं असंवैधानिक है जो जम्मू-कश्मीर को चलाने का पूरा अधिकार भारत को दे देगा। “यह उपमहाद्वीप के लिए विनाशकारी परिणाम लेकर आएगा। भारत सरकार की मंशा साफ है। वे जम्मू कश्मीर के लोगों को आतंकित कर इस पर अपना अधिकार चाहते हैं। भारत कश्मीर के साथ किए गए वादों को निभाने में विफल रहा।”

पीडीपी नेता ने कहा कि राज्य के संबंध में उठाए गए कदमों पर मीडिया एवं सिविल सोसाइटी का खुशी मनाना ‘‘घृणास्पद एवं परेशान करने वाला है।” उन्होंने ट्वीट किया, “भारत सरकार की मंशा साफ एवं बेईमान हैं। वे भारत में केवल मुस्लिम बहुल राज्यों की आबादी की संरचना को बदलना चाहती है, मुस्लिमों को इस हद तक बेबस बना देना चाहते हैं कि वे अपने ही राज्य के दोयम दर्जे के नागरिक बन जाएं।