नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अनुच्छेद 370 पर केंद्र सरकार के फ़ैसले की आलोचना करते हुए इसे सत्ता का दुरूपयोग बताया है.

राहुल गांधी ने फ़ैसले के एक दिन बाद ट्वीट करते हुए लिखा है, ''राष्ट्रीय एकता का विस्तार जम्मू-कश्मीर को एकतरफ़ा बाँटने से नहीं होगा. चुने हुए प्रतिनिधियों को जेल में बंद करना हमारे संविधान का उल्लंघन है. इस राष्ट्र का निर्माण यहां के लोगों से हुआ है न कि धरती के टुकड़े से. यह कार्यकारी शक्तियों का दुरुपयोग है और यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चिंताजनक है."

किसने किया समर्थन

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पाँच अगस्त को राज्यसभा में अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने का एलान करते ही सदन में हंगामा खड़ा हो गया.

कांग्रेस, आरजेडी, सीपीएम, सीपीआई, मुस्लिम लीग, केरल कांग्रेस और एमडीएमके ने सरकार के फ़ैसले का विरोध किया जबकि टीमएसी, जेडीयू और एनसीपी वॉकआउट कर गईं.

बीजेपी के अलावा एआईएडीएमके, एलजेपी, आरपीआई, अकाली दल, शिव सेना, वाईएसआर कांग्रेस, बीजेडी, टीडीपी, आम आदमी पार्टी और बीएसपी ने बदलाव का समर्थन किया.

अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने के प्रस्ताव और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल के समर्थन में 125 सांसदों ने वोट किया और 61 सांसदों ने ख़िलाफ़ में वोट किया जो मुख्य रूप से कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों के थे.

टीएमसी और जेडीयू ने वोट का बहिष्कार किया जबकि अरविंद केजरीवाल और मायावती इस मामले में सरकार के साथ खड़े रहे.