नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के खंड हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के केंद्र सरकार के कदम की आलोचना करते हुए कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि ‘भाजपा की सरकार ने देश का सिर काट लिया है और यह भारत के साथ गद्दारी है।’ राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार ने चीन और पाकिस्तान की सीमा से लगे संवेदनशील राज्य के साथ खिलवाड़ किया है जिसका उनकी पार्टी और दूसरे विपक्षी दल पुरजोर विरोध करेंगे।

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर जैसे सीमावर्ती राज्य में वहां की जनता को साथ लिए बिना सिर्फ सेना की बदौलत दुश्मन से नहीं लड़ा जा सकता। “1927 के बाद ऐसी अनहोनी संसद के द्वारा की जा रही है। जम्मू-कश्मीर को भारत के साथ बनाए रखने के लिए लाखों लोगों ने कुर्बानी दी है। जब भी आतंकवाद हुआ उसका मुकाबला कश्मीर की जनता, वहां की मुख्यधारा की पार्टियां और हमारे सुरक्षा बलों ने किया।”

कांग्रेस नेता ने कहा कि, “जम्मू-कश्मीर को एक सूत्र में बांधकर 370 ने रखा था लेकिन भाजपा की सरकार ने सत्ता के नशे में और वोट हासिल करने के लिए राजनीति, संस्कृति और भूगोल से भिन्न तरह के राज्य जम्मू-कश्मीर में एक झटके में तीन-चार चीजों को खत्म कर दिया। यह हिंदुस्तान की तारीख में काले शब्दों में लिखा जाएगा।”

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि, “370 को खत्म कर दिया और इतना ही नहीं राज्य को बांट दिया गया। जम्मू-कश्मीर में अब उप राज्यपाल होगा। यह तो कभी सपने में नहीं सोचा जा सकता था कि राजग सरकार यहां तक जाएगी कि जम्मू-कश्मीर राज्य का अस्तित्व खत्म कर देगी।” उन्होंने कहा, “इनको पता नहीं कि एक तरफ चीन की सीमा, एक तरफ पाकिस्तान सीमा है और एक तरफ पीओके की सीमा है। ऐसे में भाजपा सरकार ने इस तरह से राज्य के साथ खिलवाड़ करके देश के साथ गद्दारी करने का काम किया है।”

उन्होंने कहा, “किसी सीमावर्ती राज्य में सिर्फ फौज की बदौलत दुश्मन को नहीं रोक सकते। इसके लिए स्थानीय लोगों का विश्वास होना चाहिए। भाजपा सरकार ने आज हमारे देश का सिर काट लिया। भाजपा की सरकार ने भारत को बिना सिर का बना दिया।”

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरनम ने कहा, “सरकार ने जो किया है वो अप्रत्याशित और जोखिम भरा है। सरकार ने संविधान के अनुच्छेदों की गलत व्याख्या की है।” उन्होंने कहा, “मैं सभी राजनीतिक दलों, राज्यों और देश की जनता से कहना चाहता हूं कि ‘‘भारत का विचार’’ गंभीर खतरे में है। यह भारत के संवैधानिक इतिहास का बहुत ही खराब दिन है।”