लखनऊ: “बसपा का भाजपा समर्थन दलितहित एवं लोकतंत्र विरोधी है ”- यह बात आज एस आर दारापुरी पूर्व आई जी एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने प्रेस को जारी ब्यान में कही है. उन्होंने कहा है कि आज बसपा ने भाजपा द्वारा कश्मीर से धारा 370 हटाने के अधिनायिकवादी कदम का समर्थन करके दलितहित एवं लोकतंत्र विरोधी कार्य किया है. यह भी सर्वविदित है कि इससे पहले बसपा मानवाधिकारों को कुचलने वाले काले कानून यूएपीए का राज्य सभा से अनुपस्थित रह कर समर्थन भी कर चुकी है जबकि इस कानून का सबसे अधिक दुरूपयोग दलितों, अदिवासियों और अल्पसंख्यकों के विरुद्ध ही हुआ है और आगे भी इसकी पूरी सम्भावना है.

वैसे तो बसपा और भाजपा का गठजोड़ काफी पुराना है. बसपा ने तीन बार भाजपा से समर्थन ले कर सरकार बनाई थी. इतना ही नहीं मायावती ने 2002 में गुजरात जा कर मोदी के पक्ष में चुनाव प्रचार भी किया था और मोदी को गोधरा मामले को ले कर 2000 मुसलमानों के जनसंहार में क्लीन चिट दी थी. हाल में बसपा द्वारा यूएपीए और कश्मीर से धारा 370 हटाये जाने का समर्थन करने से लगता है कि मायवती ने अपने तथा अपने भाई आनंद कुमार के विरुद्ध भ्रष्टाचार के मामलों की जांचों से डर कर भाजपा के आगे पूरी तरह से समर्पण कर दिया है और वह भाजपा के हर अधिनायिकवादी कृत्य का समर्थन करने के लिए तैयार है. मायावती का यह कृत्य दलितहित तथा लोकतंत्र विरोधी है जिसके कड़ी निंदा की जानी चाहिए. अतः दलितों से अपील है कि वे मायावती के इन दलितहित तथा लोकतंत्र विरोधी कृत्यों से सावधान हों तथा इसका विरोध करें.