श्रीनगर: पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और शाह फैसल की पीपुल्स मूवमेंट के नेताओं ने रविवार को कश्मीर में मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए एक सर्वदलीय बैठक की। यह बैठक पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के निवास पर होनी थी, लेकिन अंतिम समय में एनसी संरक्षक फारूक अब्दुल्ला के घर में स्थानांतरित कर दी गई। रविवार शाम को जम्मू और कश्मीर के राजनीतिक दलों के नेता श्रीनगर में फारूक अब्दुल्ला के निवास पर ऑल पार्टी मीटिंग के लिए इकट्ठा हुए।

बैठक के बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'मैं राज्य के लोगों से अपील करता हूं कि वे शांत रहें। मैं भारत और पाकिस्तान से अपील करता हूं कि वे ऐसा कोई कदम न उठाएं जिससे लोगों को परेशानी हो और दोनों देशों के बीच टेंशन बढ़े।' दरअसल अतिरिक्त जवानों की तैनाती, अमरनाथ यात्रा तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को सुरक्षा कारणों से घाटी छोड़ने के लिए कहे जाने वाले राज्य प्रशासन के आदेश के बाद कश्मीर में हलचल मची हुई है।

उन्होंने कहा, 'कश्मीर के लिए ये बुरा वक्त है। घाटी में फोर्स की तैनाती से डर पैदा हुआ है। जम्मू-कश्मीर में पहले कभी ऐसा नहीं हुआ। घाटी के लोग घबराए हुए हैं। राज्य का विशेष दर्जा बचाने के लिए साथ सब साथ आएं। सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि सभी पक्ष सभी हमलों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की पहचान, स्वायत्तता और विशेष स्थिति की रक्षा और बचाव के अपने संकल्प में एकजुट होंगे, चाहे जो भी हो।'

इससे पहले जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मीडिया को बताया था कि विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने श्रीनगर के एक होटल में मिलने का फैसला किया था, लेकिन पुलिस ने किसी भी राजनीतिक बैठक की अनुमति नहीं देने के लिए कहा। उन्होंने कहा, 'यहां के राजनीतिक दलों ने आज एक होटल में एक बैठक आयोजित करने का फैसला किया था। लेकिन पुलिस ने सभी होटलों को एक एडवाइजरी जारी की है कि वे राजनीतिक दलों को अपने परिसर में कोई बैठक न करने दें। अब हम आज शाम 6 बजे मेरे आवास पर बैठक कर रहे हैं।' बाद में बैठक फारूक अब्दुल्ला के आवास में हुई।