नई दिल्ली: रुपये के कमजोर होने के कारण भारत की अर्थव्यवस्था 2018 में फिसलकर सातवें स्थान पर आ गयी है। विश्वबैंक की हालिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में रुपये में भारी गिरावट देखने को मिली थी। एक समय ऐसा भी रहा था जब डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर 74 रुपये प्रति डॉलर के स्तर से भी नीचे आ गया था।

यह रिपोर्ट ऐसे समय आयी है जबकि चर्चा चल रही है कि 2025 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। आईएचएस मार्किट ने भी अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि भारत 2019 में ब्रिटेन को पीछे छोड़कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तथा 2025 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

विश्वबैंक की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में भारत की जीडीपी का आकार 2,726.32 अरब डॉलर रहा। इसकी तुलना में फ्रांस का जीडीपी 2,777.53 अरब डॉलर और ब्रिटेन का 2,825.20 अरब डॉलर रहा। इससे पहले 2017 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद 2,650 अरब डॉलर था। उस समय भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। इसी तरह फ्रांस और ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 2017 में क्रमश: 2,590 अरब डॉलर और 2,640 अरब डॉलर की थी।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को वित्त वर्ष 2024-25 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। मोदी 2.0 सरकार के पचास दिन पूरा होने के उपलक्ष्य में जारी रिपोर्ट कार्ड में दावा किया था कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये लगातार कई कदम उठाये जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि बीते वित्त वर्ष 2018-19 की अंतिम तिमाही (जनवरी-मार्च) में जीडीपी की वृद्धि दर कम होकर 5.8 प्रतिशत पर आ गयी थी। यह इसका करीब पांच साल का निचला स्तर है।