नई दिल्ली: अपने बयानों के लिए अक्सर चर्चा में रहने वाले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए पांच सूत्रीय फॉर्मूला सुझाया है। स्वामी ने कहा है कि पर्सनल इनकम टैक्स खत्म किया जाना चाहिए और साथ ही ब्याज दर 9 प्रतिशत की जानी चाहिए। बीजेपी सांसद ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर ट्वीट कर ऐसे ही कुल पांच सुझाव दिए हैं। देश की डगमगाती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए स्वामी ने ये सुझाव दिए हैं।

वहीं इससे पहले अर्थव्यवस्था को लेकर चिंतित कांग्रेसी नेता राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जुबानी हमला बोल चुके हैं। गुरुवार (1 अगस्त, 2019) को उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी जी, भारतीय अर्थव्यवस्था पटरी से उतर चुकी है और मंदी की ट्रेन आने वाली है। गांधी ने यह दावा उस मीडिया रिपोर्ट को साझा करते हुए किया, जिसमें इकनॉमी की चाल बेहद सुस्त करार दी गई थी।

बहरहाल अर्थव्यवस्था पर जारी बहस के बीच स्वामी ने इन पांच सुझावों के जरिए देश की तस्वीर बदलने की बात कही है। स्वामी ने कहा है कि पर्सनल इनकम टैक्स को खत्म किया जाना चाहिए। इसके बाद दूसरे स्टेप में उन्होंने कहा है कि प्राइम लेंडिंग रेट को 9 प्रतिशत के लक्ष्य तक पहुंचाने की जरूरत है। हालांकि यह लक्ष्य मुश्किल नहीं लगता क्योंकि मौजूदा समय में यह 9.45 प्रतिशत है।

बीजेपी सांसद ने तीसरे स्टेप में कहा कि बैंक टर्म डिपॉजिट को बढ़ाने की जरूरत है जो कि मौजूदा समय में 6.8 प्रतिशत है। स्वामी ने सुझाव दिया कि इसे 9 प्रतिशत तक किया जाना चाहिए। मौजूदा समय में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया टर्म डिपॉजिट पर 6.8 प्रतिशत ब्याज दे रहा है तो वहीं बजाज फाइनसर्व 8.6 प्रतिशत ब्याज दे रहा है। अगर इसे 9 प्रतिशत किया जाता है तो ग्राहक बैंकों में पैसा जमा करेंगे और खर्च कम करेंगे। चौथे स्टेप में स्वामी ने कॉर्पोरेट आर एंड डी और कर्मचारियों के बच्चों की शिक्षा पर खर्च में लगने वाले टैक्स को कम करने की बात कही है। अगर यह छूट 10 साल की अवधि के लिए दी जाती है, तो इसमें कई विदेशी कंपनियां भारत में निवेश करने के लिए प्रेरित होंगी।

पांचवें और आखिरी स्टेप में उन्होंने कहा कि सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर पर पैसा खर्च करना चाहिए। इस सुझाव के जरिए स्वामी चाहते हैं कि सरकार सड़कों/ मेट्रो/ सिंचाई/ स्मार्ट सिटी जैसी परियोजनाओं पर पैसा खर्च करे। ऐसा करने पर रोजगार में अच्छी खासी बढ़ोतरी होगी इसके साथ ही बैंकों में जमा राशि भी बढ़ेगी। क्योंकि अगर लोगों को रोजगार मिलेगा तो वह पैसा बचाएंगे (जैसा कि औसतन हर भारतीय करता है) और इसे बैंक में जमा करेंगे। जिससे बैंकों में जमा दर बढे़गी।