नई दिल्ली: इलाहाबाद हाइकोर्ट के जज एसएन शुक्ला के खिलाफ CJI रंजन गोगोई ने सीबीआई को FIR दर्ज करने की अनुमति दी. मेडिकल दाखिला घोटाले में शामिल होने के प्रमाण मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने सीबीआई को केस दर्ज करने की मंजूरी दी है. इससे पहले चीफ जस्टिस ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले में संसद में कार्रवाई करने के लिए भी कहा था. पिछले CJI दीपक मिश्रा ने शिकायत के बाद तीन जजों की कमेटी बनाई थी, जिसने जांच में जस्टिस शुक्ला का हाथ माना था. इसके बाद जस्टिस शुक्ला से न्यायिक कार्य वापस ले लिया गया था.

तत्कालीन CJI मिश्रा ने उन्हें इस्तीफा देने या स्वैच्छिक सेवानिवृति लेने को कहा था लेकिन जस्टिस शुक्ला ने इससे इनकार कर दिया था. बाद में जस्टिस शुक्ला ने न्यायिक कार्य वापस देने के लिए CJI से गुजारिश की थी जिसे ठुकरा दिया गया था. किसी वर्तमान जज के खिलाफ बिना CJI की अनुमति FIR दर्ज नहीं हो सकती इसलिए CBI ने CJI को लिखकर अनुमति मांगी थी.

सीबीआई ने प्रसाद इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में मेडिकल एडमिशन घोटाले को लेकर उड़ीसा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज आईएम कुद्दूसी, प्रसाद एजुकेशनल ट्रस्ट के मालिक बीपी यादव, पलाश यादव व बिचौलिए विश्वनाथ अग्रवाल, भावना पांडेय समेत मेरठ के एक मेडिकल कॉलेज के सुधीर गिरी और अन्य अज्ञात सरकारी व निजी संस्थान से जुड़े लोगों पर केस दर्ज किया था. सुप्रीम कोर्ट के जरिये 46 मेडिकल कॉलेज पर अनियमिताओं के चलते अगले एक-दो साल तक छात्रों के प्रवेश पर रोक लगाई गई थी. इसमें प्रसाद इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल कॉलेज का नाम भी शामिल था.