बेंगलुरु: कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा ने सोमवार को विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया. जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) और कांग्रेस के 17 बाग़ी विधायकों को अयोग्य क़रार दिए जाने के बाद बहुमत का आंकड़ा अब 105 रह गया था. नए समीकरण के मुताबिक, बीजेपी को सत्ता में बने रहने के लिए अब इतने ही विधायकों के समर्थन की जरूरत थी. अकेले बीजेपी के पास यह आंकड़ा मौजूद है, लिहाजा येडियुरप्पा को बहुमत साबित करने में कोई मुश्किल नहीं आई. इस दौरान विपक्ष ने मत विभाजन की मांग नहीं की. इसी के साथ नई सरकार अपने आगे के कामकाज में जुट गई है.

बहुमत साबित करने के बाद मुख्यमंत्री येडियुरप्पा ने कहा, 'मैं किसी के खिलाफ बदले की राजनीति के साथ काम नहीं करता हूं. इसलिए अब भी नहीं करूंगा. हमारी सरकार किसानों के लिए काम करना चाहती है, इसलिए मैं सभी से अपील करता हूं कि सरकार के विश्वास मत प्रस्ताव का समर्थन करें.'

फ्लोर टेस्ट के बाद एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि आप लोग अब सरकार में हैं, इसलिए विधायकों पर इस्तीफे का दबाव बनाना खत्म कीजिए. उन्होंने कहा कि अगर सरकार बढ़िया काम करती है तो वह सरकार को समर्थन करेंगे.

कर्नाटक विधानसभा में 225 सीटें हैं. स्पीकर केआर रमेश कुमार ने पहले 3 विधायकों को अयोग्य करार दिया था. फिर 14 और बागी विधायकों को अयोग्य करार दे दिया. इनमें 11 कांग्रेस और तीन जेडीएस के विधायक शामिल हैं. अब बचे 208 सदस्यों में से 34 जेडी(एस), 67 कांग्रेस और 105 बीजेपी के हैं. कांग्रेस के सदस्यों में स्पीकर, मनोनीत सदस्य और बी नागेंद्र भी शामिल हैं, जो फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं. उनके अलावा एक निर्दलीय विधायक का समर्थन भी बीजेपी को मिला हुआ है. इस लिहाज से 104 विधायक और एक आरक्षित सीट मिलाकर बीजेपी के कुल 105 विधायक हो जाते हैं.