नई दिल्ली: भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा अपने विवादित बयानों और तेवरों के लिए खासी जानी जाती हैं हाल ही में प्रज्ञा ठाकुर जिन्होंने मोदी के 'स्वच्छ भारत अभियान' का अपमान किया था, उन्होंने मध्य प्रदेश के सीहोर में कहा था कि हम नाली साफ करवाने के लिए नहीं बने हैं। हम आपका शौचालय साफ करने के लिए बिल्कुल नहीं बनाए गए हैं। हम जिस काम के लिए बनाए गए हैं। वो काम हम ईमानदारी से करेंगे।

इस मामले को लेकर प्रज्ञा ठाकुर की जमकर आलोचना हुई और इसे पीएम मोदी के पसंदीदा अभियान के एकदम उलट माना गया, गौरतलब है कि "स्वच्छ भारत अभियान" पर प्रधानमंत्री मोदी ने खासा फोकस किया हुआ है साथ ही इसको लेकर वो खुद भी बेहद जागरूक रहते हैं। इस अभियान को लेकर तमाम सरकारी एजेंसियां बेहद मुस्तैदी के साथ लगी हुई हैं और इसका जमकर प्रचार प्रसार किया जा रहा है।

"स्वच्छ भारत अभियान" को लेकर आम लोगों की प्रतिक्रिया भी बेहद सकारात्मक है और लोग इसे हाथों हाथ ले रहे हैं और दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं। अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि जिस अभियान को खुद सरकार के मुखिया यानि प्रधानमंत्री बेहद संवेदनशील हों और आम लोगों का इतना अच्छा रिस्पॉंस मिल रहा हो उसी को लेकर साध्वी प्रज्ञा कैसे इतने हल्के में ले सकती हैं।

साध्वी के इस बयान का बेहद ही गलत मैसेज गया है और इसको लेकर बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व खासा गंभीर है, मीडिया सूत्रों के मुताबिक बताया जा रहा है साध्वी अब बीजेपी की केंद्रीय समिति से निर्देश मिलने के बाद मोदी के स्वच्छ भारत अभियान मिशन में अपना समर्थन साबित करने के लिए काम करेंगी।