सोनभद्र में प्रदर्शन के दौरान माले नेताओं को गिरफ्तार कर हवालात में डालने की कड़ी निंदा की, कहा, योगी सरकार दमनकारी

लखनऊ: भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने सोनभद्र के उभ्भा आदिवासी जनसंहार के खिलाफ सोमवार को राज्यव्यापी प्रदर्शन किया। पार्टी ने सोनभद्र जिला कचहरी के समीप जुलूस को रोकने और केंद्रीय समिति सदस्य श्रीराम चौधरी समेत माले नेताओं को गिरफ्तार कर हवालात में डालने की कड़ी निंदा की है। इसे दमनकारी और विरोध के लोकतांत्रिक अधिकार पर योगी सरकार का हमला बताया है।

पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने मिर्जापुर, अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा ने गाजीपुर व ऐपवा राज्याध्यक्ष कृष्णा अधिकारी ने लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन का नेतृत्व किया। प्रदेशव्यापी विरोध के तहत बलिया, देवरिया, मऊ, महराजगंज, इलाहाबाद, रायबरेली, वाराणसी, चंदौली, फैजाबाद, सीतापुर, पीलीभीत, मथुरा, मुरादाबाद समेत विभिन्न जिलों में धरना-प्रदर्शन हुए।

वक्ताओं ने सोनभद्र जनसंहार के लिए कांग्रेस, सपा व बसपा को जिम्मेदार ठहराने के लिए मुख्यमंत्री योगी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हत्या की राजनीति योगी राज में हो रही है, जिसमें तीन महिलाओं समेत दस आदिवासियों को मौत के घाट उतार दिया गया है और दर्जनों घायल हुये हैं। दूसरों पर तोहमत लगाकर मुख्यमंत्री अपनी सरकार की जवाबदेही से बच नहीं सकते।

इस मौके पर जिला प्रशासन के माध्यम से सरकार को मांग पत्र भेजा गया, जिसमें हत्याकांड के लिए जिम्मेदार बड़ी मछलियों को बचाने की आलोचना की गई। मांग की गई कि सोनभद्र के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को अविलंब मुअत्तल किया जाये, आदिवासियों-वनवासियों-गरीबों की बेदखली तत्काल प्रभाव से रोकी जाए और उन्हें भूमि का पट्टा दिया जाए, उभ्भा गांव के पीड़ित परिवारों को उनकी खेती की जमीन का मालिकाना अधिकार दिया जाए, मृतकों के आश्रितों को 25 लाख व घायलों को पांच लाख मुआवजा दिया जाए और जनसंहार के दोषियों को ऐसी सजा मिले जो मिशाल बने।