नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और बदरपुर जिला अल्पसंख्यक कांग्रेस समिति के अध्यक्ष बिलाल अहमद ने केजरीवाल सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि एक तरफ दिल्ली सरकार का दावा है कि इसने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति ला दी है दूसरी ओर, स्व-सरकारी विभाग स्वीकार करता है कि दिल्ली के स्कूलों में 631 उर्दू और 716 संस्कृत शिक्षकों के पद खाली हैं। मीडिया को दिए एक बयान में श्री बिलाल ने कहा कि यह समझ से परे है कि शिक्षक नहीं और क्रांति आ गई। उन्होंने कहा कि इस संबंध में वह जल्द ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को पत्र लिखकर पूछेंगे कि सरकार शिक्षा के नाम पर लोगों को गुमराह करने की कोशिश क्यों कर रही है?

उन्होंने कहा कि हमारी केजरीवाल सरकार से अपील है कि लोगों को बेवकूफ बनाना बंद करे और दुनिया में अपने मुंह मिट्ठू बनने की कोशिश से बचे। उन्होंने कहा कि वह एक अच्छा व्यक्ति नहीं है जो खुद को अच्छा कहे। उन्होंने आगे कहा कि केजरीवाल सरकार के शिक्षा विभाग का कहना है कि शिक्षकों के 1000 से अधिक पद खाली हैं, फिर सरकार लोगों को क्यों गुमराह कर रही है की क्रांति आ गयी?

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से अपील है कि वह तुरंत उर्दू और संस्कृत के साथ तमाम भाषाओँ के रिक्त पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति करे। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय भाषाओं के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि खुशी की बात यह है कि सरकार मैथली और भोजपुरी भाषाओं को प्रमोट करना चाहती है, लेकिन जो पद शिक्षकों के खली हैं सरकार को उनको भरना चाहिए जिस से लोगों में सरकार के तईं विश्वास पैदा हो। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो हम सभी भाषाओं को लोगों के साथ सड़कों पर उतरेंगे और सरकार के दावे को बेनक़ाब करेंगे।