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सोमवार कुमारस्वामी की सरकार का आखिरी दिन होगा: येदियुरप्पा

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की कर्नाटक इकाई के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा है कि सोमवार (22 जुलाई) एचडी कुमारस्वामी की सरकार का आखिरी दिन होगा। 19 जुलाई की रात को मीडिया से बात करते हुये बीएम येदियुरप्पा ने कहा है, 'एचडी कुमारस्वामी की सरकार के लिए सोमवार का दिन आखिरी है। उनके पास संख्या नहीं है और वह उन्हें सरकार नहीं बनाने दे रहे जिनके पास संख्या है।' सत्ताधारी गठबंधन के 16 विधायकों- 13 कांग्रेस और तीन जद(एस)- के इस्तीफा देने और दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने से प्रदेश सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। एक कांग्रेसी विधायक रामलिंगा रेड्डी ने हालांकि पलटी मारते हुए कहा कि वह सरकार का समर्थन देंगे।

बीएस येदियुरप्पा ने कहा, 'हमारे पास 106 विधायक हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जो विधायक मुंबई में हैं, उन्हें सदन की कार्यवाही में आने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। ऐसे में बहुमत हमारे पास ज्यादा है।'

मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने बहुमत साबित करने के लिये राज्यपाल द्वारा दी गई समयसीमा की शुक्रवार को दो बार अनदेखी की। वहीं विश्वास प्रस्ताव पर मतदान के बिना ही कनार्टक विधानसभा सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी। विधानसभा अध्यक्ष के. आर. रमेश कुमार ने कांग्रेस-जद(एस) सरकार के राज्यपाल वजु भाई वाला द्वारा तय की गई दो समय सीमाओं को पूरा ना कर पाने पर सदन को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया। अब सभी निगाहें राज्यपाल वजुभाई वाला के अगले कदम पर हैं। सदन को स्थगित करने से पहले अध्यक्ष ने यह स्पष्ट कर दिया कि सोमवार को विश्वास प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा और इसे अन्य किसी भी परिस्थिति में आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। इस पर सरकार सहमत हो गई।

कुमारस्वामी और कांग्रेस ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर कहा कि राज्यपाल सदन की कार्यवाही में हस्तक्षेप कर रहे हैं जब सदन में विश्वास मत पर चर्चा हो रही है। मुख्यमंत्री ने न्यायालय से उसके 17 जुलाई के आदेश पर स्पष्टीकरण देने का अनुरोध किया है जिसमे कहा गया था कि 15 बागी विधायकों को सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिये बाध्य नहीं किया जा सकता है। कुमारस्वामी ने भी शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर कहा है कि राज्यपाल वजूभाई वाला विधानसभा को निर्देशित नहीं कर सकते कि विश्वास मत प्रस्ताव किस तरह लिया जाये। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को भेजे दूसरे संदेश में कहा कि सत्तारूढ़ जनता दल (एस)-कांग्रेस गठबंधन “प्रथम दृष्टया” सदन का विश्वास खो चुका है।

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