लंदन: वर्ल्ड कप 2019 का खिताबी मुकाबला भले ही इंग्लैंड ने जीत लिया हो, लेकिन इस मुकाबले में खराब अंपायरिंग को लेकर भी काफी आलोचना की जा रही है. मामला इंग्लैंड की पारी के 50वें ओवर से जुड़ा है जिसमें अंपायर कुमार धर्मसेना ने इंग्लैंड को ओवरथ्रो के चार रन दे दिए थे, जिसके बाद मेजबान टीम 50 ओवर के बाद मुकाबले को टाई कराने में सफल रही.

इस मामले में अब पूर्व अंपायर ऑस्ट्रेलिया के साइमन टॉफेल ने भी अपना रुख साफ किया है. टॉफेल ने इसे अंपायरों की गलती करार दिया है. एमसीसी की नियम बनाने वाले उपसमिति के सदस्य टॉफेल ने कहा कि इंग्लैंड को पांच रन की जगह छह रन देना साफ तौर पर अंपायरों की गलती थी.

आईसीसी के पांच बार के अंपायर ऑफ द ईयर चुने गए साइमन टॉफेल के अनुसार, अंपायरों ने नियमों को लागू करने में गलती कर दी और इंग्लैंड को छह नहीं, बल्कि पांच रन ही दिए जाने चाहिए थे. उन्होंने foxsports.com.au को दिए इंटरव्यू में ये बात कही.

इसे लेकर एमसीसी की रूलबुक में जो नियम 19.8 है उसके अनुसार, ऐसी स्थिति में बल्लेबाजों द्वारा पूरा किया गया रन और ओवरथ्रो पर मिली बाउंड्री से मिले रन तभी मान्य हैं जब फील्डर के थ्रो फेंकने से पहले दोनों बल्लेबाजों ने पिच पर एक-दूसरे को क्रॉस कर लिया हो, जबकि इस मुकाबले में ऐसा नहीं हुआ था.

दरअसल 50वें ओवर की चौथी गेंद पर स्टोक्स ने मिडविकेट पर शॉट खेला और दो रन लेने के लिए दौड़ पड़े. मार्टिन गुप्टिल ने गेंद पकड़कर विकेटकीपर वाले छोर पर गेंद थ्रो की. इस दौरान रन आउट से बचने के लिए स्टोक्स ने डाइव लगा दी और गेंद उनके बल्ले से लगकर चार रन के ल‌िए बाउंड्री पार चली गई. नियमों के तहत ये ओवरथ्रो के चार रन मिलाकर कुल छह रन इस गेंद पर दे दिए गए और इंग्लैंड और रनों का फासला भी घट गया. तीन गेंद पर इंग्लैंड को जीत के लिए 9 रन की दरकार थी, लेकिन इस गेंद पर बने छह रनों के बाद उसे 2 गेंद पर तीन रन बनाने ‌थे.

साइमन टॉफेल ने हालांकि मैच अधिकारियों का बचाव करते हुए कहा कि नतीजे के लिए अंपायरों पर सवाल उठाना गलत है. इतने तनाव भरे मैच में उन्होंने सोचा होगा कि थ्रो के वक्त दोनों बल्लेबाजों ने एक-दूसरे को क्रॉस कर लिया होगा. बेशक टीवी रीप्ले में हमें साफ स्थिति पता चली.

साइमन टॉफेल ने फाइनल में अंपायरिंग करने वाले कुमार धर्मसेना और मराइस इरासमुस का बचाव करते हुए कहा कि ये दोनों अंपायर सर्वश्रेष्ठ हैं, लेकिन मैदान पर चीजें इतनी आसान नहीं होती. टॉफेल के अनुसार, मुश्किल ये है कि अंपायरों को काफी सारी बातों का ध्यान रखना होता है. वे बल्लेबाज को रन लेते हुए देखते हैं, उसके बाद फील्डर की ओर देखते हैं और फिर उसके थ्रो को. ऐसे में उसी समय यह भी देखना होता है कि बल्लेबाज उस समय कहां हैं.