लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नीति आयोग आठ महत्वाकांक्षी जिलों की तरह प्रदेश के हर जिले के कायाकल्प की योजना तैयार करे। राज्य सरकार इसमें हर संभव मदद करेगी। योजना बन जाने पर समयबद्ध होकर उस पर प्रभावी तरीके से अमल भी किया जाएगा।

सोमवार को नीति आयोग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि शुरू से ही हमारी मंशा उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की रही है। इसमें नीति आयोग के हर सुझाव का स्वागत है।

महत्वाकांक्षी जिलों की प्रगति को आयोग ने सराहा

इसके पहले नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत और उनके साथियों ने प्रदेश के आठ महत्वाकांक्षी जिलों की प्रगति का ब्यौरा बारी-बारी से मुख्यमंत्री के सामने रखा। समग्रता में प्रदेश की प्रगति को सराहा। साथ ही यह भी कहा कि हम चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश के महत्वाकांक्षी जिले सभी प्रमुख मानकों पर देश के 115 महत्वाकांक्षी जिलों में नंबर 1 पर आएं। यह भी कहा कि जिस तरह मुख्यमंत्री इस मामले में निजी रुचि ले रहे हैं और योजना शुरू होने से लेकर अब तक की जो प्रगति है, उसके मद्देनजर पूरी उम्मीद है कि अगले तीन-चार महीने में उप्र के सभी महत्वाकांक्षी जिले प्रमुख मानकों पर पूरे देश में नंबर 1 पर होंगे।

बेहतर कामों को आयोग को शेयर करे प्रदेश सरकार

नीति आयोग के सदस्यों के कुछ सुझाव भी थे। उनका कहना था कि जिस महत्वाकांक्षी जिले में कोई प्रभावी नया काम हुआ है, राज्य सरकार संबंधित जिले के डीएम के जरिये हमसे साझा करे। हम उसे सोशल मीडिया के जरिए बतौर नजीर देश और दुनिया को बताएंगे। जिन जिलों को कायाकल्प होना है वहां का पूरा तंत्र टीम भावना से काम करे। सेंटर और राज्यों के प्रतिनिधियों में और बेहतर तालमेल की भी जरूरत है। काम रैंकिंग के रूप में डैसबोर्ड पर दिखे इसके लिए सही और समय से डाटा इंट्री करें।

उल्लेखनीय है कि महत्वाकांक्षी जिलों के रूप में देश भर से चयनित 115 जिलों में से 8 जिले (चित्रकूट, फतेहपुर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धर्थनगर, चंदौली, और सोनभद्र) उप्र के हैं। इनका चयन 49 मानकों पर किया गया है। इनमें मानव विकास सूचकांक, चिकित्सा एवं पोषण, कृषि, जलसंसाधन, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास और आधारभूत संरचना प्रमुख हैं।

बैठक में मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव डॉ अनूप चंद्र पांडेय, प्रमुख सचिव सूचना अवनीश अवस्थी, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री मृत्युंजय नारायण और नीति आयोग के वरिष्ठर अधिकारी मौजूद थे।