नई दिल्ली: गुजरात सरकार द्वारा सरकारी नौकरियां देने के मामले में बीते 5 सालों में 85 फीसदी की भारी-भरकम गिरावट आयी है। विधानसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में गुजरात सरकार ने उक्त आंकड़े पेश किए हैं। आंकड़ों के अनुसार, साल 2013-14 से साल 2017-18 के बीच सिर्फ 57,920 सरकारी नौकरियों के पद भरे गए। अक्टूबर 2013 से सितंबर 2014, के बीच 25,566 सरकारी नौकरियां दी गई। लेकिन उसके बाद से हर साल गुजरात सरकार द्वारा नौकरियां देने के मामले में गिरावट आयी है और फरवरी 2017 से सितंबर 2018 के बीच सिर्फ 3,584 नौकरियां ही दी गई हैं।

बता दें कि कांग्रेस विधायक सोमाभाई कोली पटेल ने विधानसभा में सवाल किया था कि सरकार ने राज्य में कितनी सरकारी और प्राइवेट नौकरियां मुहैया करायी हैं? इसके जवाब में गुजरात सरकार के रोजगार मंत्री दिलीप कुमार ठाकोर ने विधानसभा में नौकरियों के आंकड़े पेश किए। जवाब के अनुसार, बीते 5 सालों में राज्य के 33 जिलों में 57,920 लोगों को सरकारी नौकरियां दी गई हैं। इस समय के दौरान गुजरात में कुल 17,52,890 नौकरियां दी गई, ऐसे में कुल नौकरियों में सरकारी नौकरियों का प्रतिशत सिर्फ 3.3% ही रहा। सबसे ज्यादा सरकारी नौकरियां जिन जिलों में दी गई हैं, उनमें नर्मदा, अमरेली, गोधरा और कच्छ का नंबर आता है। साल 2018 में सबसे ज्यादा नौकरी नर्मदा जिले में दी गई।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में गुजरात सरकार ने संशोधित बजट पेश किया है। इस दौरान अपने बजट भाषण में डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने बताया था कि बीते पांच सालों के दौरान राज्य में 1,18,478 नौकरियां दी गई। साथ ही नितिन पटेल ने बताया था कि सरकार अगले 3 सालों में 60,000 और लोगों को नौकरियां देने की योजना बना रही है। अब ताजा आंकड़ों ने डिप्टी सीएम नितिन पटेल के आंकड़ों की हवा निकाल दी है। हालांकि सरकार के लिए राहत की बात ये है कि राज्य में प्राइवेट नौकरियां देने के मामले में 32% का उछाल आया है। बीते पांच सालों में राज्य में 16,94,970 लोगों को प्राइवेट सेक्टर में रोजगार मिला।