नई दिल्ली: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने साल 2016-18 के दौरान राष्ट्रीय दलों को कॉर्पोरेट्स से मिले चंदे का विश्लेषण कर यह बात कही।
वित्त वर्ष 2016-17 और 2017-18 में भाजपा और कांग्रेस को 20 हजार रुपये से ज्यादा का स्वैच्छिक योगदान क्रमश: 94 फीसद और 81 फीसद था।
भाजपा को साल 2016-18 के दौरान 15,00 से ज्यादा कार्पोरेट्स से 900 करोड़ रुपये से ज्यादा का चंदा मिला, जो इसी अवधि के दौरान कांग्रेस को मिले चंदे से 16 गुना ज्यादा था।

मंगलवार को जारी एक नई रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने साल 2016-18 के दौरान राष्ट्रीय दलों को कॉर्पोरेट्स से मिले चंदे का विश्लेषण कर यह बात कही। एडीआर के विश्लेषण के मुताबिक 2016-18 के दौरान कारोबारी घरानों ने 985.18 करोड़ रुपये का चंदा दिया जो ज्ञात स्रोतों से राजनीतिक दलों को मिले कुल योगदान का 93 फीसद था।

रिपोर्ट में कहा गया, “छह राष्ट्रीय दलों में भाजपा को सबसे ज्यादा 915.596 करोड़ रुपये 1,731 कार्पोरेट दानदाताओं से मिला। इसके बाद कांग्रेस को 151 दानदाताओं से कुल 55.36 करोड़ रुपये मिले। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को वित्तवर्ष 2016-17 और 2017-18 के दौरान 23 कार्पोरेट दानदाताओं से कुल 7.737 करोड़ रुपये की रकम मिली।”

इसमें कहा गया कि वित्त वर्ष 2016-17 और 2017-18 में भाजपा और कांग्रेस को 20 हजार रुपये से ज्यादा का स्वैच्छिक योगदान क्रमश: 94 फीसद और 81 फीसद था। वित्त वर्ष 2012-13 और 2017-18 के बीच भाजपा को छह वर्षों के दौरान सबसे अधिक 1,621.40 करोड़ रुपये का कार्पोरेट चंदा मिला था, जो कुल कार्पोरेट चंदे का 83.49 फीसद था।