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ब्रीफकेस में नहीं लाल कपड़े में दिखा बजट का बहीखाता

नई दिल्ली: आम तौर वित्त मंत्री को आपने बजट पेश करने से पहले ब्रीफकेस के साथ देखा होगा। इस ब्रीफेकस में ही बजट की कॉपी होती है। लेकिन इस बार आपको पारंपरिक भूरे रंग का ब्रीफकेस देखने को नहीं मिलेगा। बजट 2019 ब्रीफकेस के बजाय लाल कपड़े में लिपटा नजर आया है। निर्मला सीतारमण बजट 2019 की कॉपी लेकर वित्त मंत्रालय के बाहर पहुंची है। लेकिन इस बार का बजट लाल रंग के कपड़े में लिपटा हुआ है, जिसपर राष्ट्र चिन्ह लगा हुआ है।

बजट 2019 की कॉपी लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, राज्य वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर, वित्त सचीव एस सी गर्ग, मुख्य आर्थिक सहालकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन वित्त मंत्रालय के बाहर पहुंचे। मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन ने पारंपरिक ब्रीफकेस को हटाए जाने का कारण साफ किया है।

उन्होंने बताया लाल कपड़े में लिपटी बजट की कॉपी को पारंपरिक बहीखाता का नाम दिया है। उन्होंने कहा कि ब्रीफकेस के बजाय लाल कपड़े में लिपटा ये बजट पश्चिमी सभ्यता की गुलामी से हमारी आजादी का प्रतीक है। यह बजट नहीं बल्कि बहीखाता है। इस बार का बजट ब्रीफकेस के बजाय लाल कपड़े में लपेटा गया है।

गौरतलब है कि बजट में सरकार देश में होने वाले खर्च की जानकारी देती है। इसमें सराकर के खर्च, कमाई, टैक्स आदि का ब्योरा होता है। बजट 2019-20 मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट है। इस बजट को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी।

इससे पहले भी एनडीए सरकार ने रेल बजट और आम बजट को अलग अलग पेश करने की परंपरा को तोड़ते हुए, आज बजट में ही रेलवे से जुड़ी घोषणाओं को शामिल किया गया है। 92 साल पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए एनडीए सरकार ने साल 2017 में रेल बजट को आम बजट के साथ पेश किया।इससे पहले रेल मंत्री आम बजट के एक दिन पहले रेल बजट पेश करते थे। सुरेश प्रभु आखिरी रेल मंत्री थे, जिन्होंने रेल बजट अलग से पेश किया।

इसके अतिरिक्त एनडीए सरकार ने बजट पेश करने की तारीख में भी बदलाव किया है। पहले बजट फरवरी की आखिरी तारीख को पेश किया जाता था। जिसे पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक महीने आगे बढ़ाकर 1 फरवरी कर दिया। इसके साथ ही आर्थिक सर्वे पेश करने की तारीख को भी आगे बढ़ा कर 31 जनवरी कर दिया गया।

इस साल 1 फरवरी को पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया था। जो 1 अप्रैल से लागू हुआ। इसलिए अंतरिम बजट से पहले आर्थिक सर्वे पेश नहीं किया गया, जिसे 4 जुलाई को मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन ने पेश किया।

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