लखनऊ: विश्वविद्यालयों में शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) के रैग्युलेशन को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने संशोधनों के साथ स्वीकृति दे दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एपसी सिंह की समिति ने इसके लिए एक रिपोर्ट तैयार की थी। इसे लागू करने के लिए यूजीसी ने कटऑफ तारीख 18 जुलाई 2018 रखी थी लेकिन यूपी सरकार ने 28 जून 2019 से इसे लागू करने का निर्णय लिया।
इसके अनुसार विश्वविद्यालय के शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने की उम्र 62 वर्ष रहेगी। सरकार ने पितृत्व, अडॉप्शन और सरोगेसी छुट्टियों को फिलहाल अपने विश्वविद्यालय और कॉलेजों के लिए मंजूर नहीं किया है। कॉलेजों में प्रिंसिपल की नियुक्ति के नियमों में ढील दी गई है।
इसी के साथ यह भी संशोधन हुआ है कि 2021 से एसोसिएट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए पीएचडी अनिवार्य अर्हता नहीं होगी। शिक्षकों को पेशेवर रवैये का पालन करने का निर्देश दिया गया है। वीसी, प्रोवीसी पर अभी विचार किया जाना बाकी है। डिग्री शिक्षकों को पीएचडी गाइड बनाया जाए या नहीं, इस पर अभी निर्णय किया जाना बाकी है।
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