नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दावा किया है कि संदेसरा ब्रदर्स स्कैम नीरव मोदी के पीएनबी स्कैम से बहुत ज्यादा बड़ा फ्रॉड है। ईडी सूत्रों ने बताया कि स्टार्लिंग बॉयोटेक लिमिटेड (एसबीएल) की जांच के दौरान संदेसरा ग्रुप और इसके मुख्य प्रमोटरों ने इंडियन बैंक से 14,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी किया।

संदेसरा ग्रुप के प्रमोटरों में नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा और दीप्ती संदेसरा प्रमुख हैं। वहीं नीरव मोदी ने 11,400 करोड़ रुपये का बैंक फ्रॉड किया है।

अक्टूबर 2017 में सीबीआई ने इस कंपनी और इसके प्रमोटरों पर 5383 करोड़ रुपये के फ्रॉड को लेकर एफआईआर दर्ज कराया था उसके बाद इस मामले में ईडी ने केस दर्ज किया है।

सूत्रों के मुताबिक जांच के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि संदेसरा ग्रुप की ओवरसीज कंपनियों ने भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं से 9000 करोड़ रुपये लोन लिया। जांच अधिकारियों ने यह भी बताया कि एसबीएल ग्रुप ने भारतीय और विदेशी दोनों मुद्रा में लोन प्राप्त किया।

कंपनी को ये लोन आंध्रा बैंक, यूको बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई में कंसोर्टिय द्वारा लोन स्वीकृत किया गया था।

जांच के दौरान यह भी पता चला कि लोन के जरिए प्राप्त किए गए धन को कई दूसरे कार्यों और अपने जरूरत के इस्तेमाल में लाया गया।

बीते बुधवार को ईडी ने संदेसरा ग्रुप की 9 हजार 778 करोड़ रुपए की संपत्तियां अटैच की थीं। इनमें नाइजीरिया में ऑयल रिग्स, लंदन में एक जेट और आलीशान फ्लैट शामिल हैं। एसबीएल के प्रमोटर नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा और दीप्ति संदेसरा पहले ही विदेश भाग चुके हैं और इनके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया जा चुका है।