नई दिल्ली : झारखंड में भीड़ ने चोरी के आरोप में एक मुस्लिम युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी। उसके बाद यह मॉब लिंचिंग का मामला संसद में गूंजा। राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद ज्ञापन प्रस्ताव पर बहस करते हुए एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि लिंचिंग की घटनाएं रूकने वाली नहीं है क्योंकि बीजेपी और आरएसएस ने मुसलमानों के खिलाफ नफरत बढ़ाई है। मुसलमानों को आतंकवादी, देशद्रोही और गौ-हत्यारा के रूप में देखा जाता है। उन्होंने कहा क्या ऐसे में देश 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन पाएगा। सपा सांसद आजम खान ने भी घटना की निंदा की। मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि यह घटना मानवता पर धब्बा है। इस पर केंद्र और झारखंड के के ताकतवर लोगों की खामोशी हैरान करने वाली है।

राहलु गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'झारखंड में युवक की बर्बरता से पीट-पीटकर हत्या किया जाना मानवता पर धब्बा है। पुलिस की बर्बरता यह है कि उसने पिटाई से घायल लड़के को 4 दिन तक अपनी हिरासत में रखा। यह हैरान करने वाला है।' उन्होंने कहा, 'हैरान करने वाली बात यह भी है कि बीजेपी शासित केंद्र और राज्य सरकार के ताकतवर आवाजें खामोश हैं।'

गौर हो कि झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के घातकीडीह गांव हाल ही में लोकल लोगों ने बाइक चोरी के आरोप में तबरेज नाम के मुस्लिम युवक इतना पीटा कि इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इतना ही नहीं उससे पिटाई के दौरान जय श्री राम' और 'जय हनुमान' के नारे लगवाए गए। तबरेज के परिजनों का आरोप है कि उसे इसलिए पीटा गया क्योंकि वह एक मुस्लिम था। हालांकि इस मामले में अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है।

पीडीपी की प्रमुख एवं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, 'बीजेपी शासित झारखंड में तबरेज अंसारी की भीड़ ने पीट-पीट कर हत्या कर दी। हिंदू भीड़ ने उसे बेरहमी से मारा-पीटा क्योंकि उसने जय श्री राम बोलने से इनकार कर दिया था। क्या यह एनडीए-दो का नया भारत है? ये कौन सा तरीका है सबका विश्वास जीतने का?

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में कहा कि झारखंड भीड़ हिंसा का अड्डा बन गया है। आजाद ने कहा, 'दलितों एवं मुस्लिमों की वहां हर हफ्ते हत्या हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हम सबका साथ सबका विकास की लड़ाई में आपके साथ हैं लेकिन लोगों को यह दिखना चाहिए। हमें यह कहीं नहीं दिख रहा।