भूमण्डल पर भारत के लिए एक बड़ी खुशबरी आई है। भारत के भास्कर यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दुनिया का सबसे ताकतवर नेता चुना गया है। हमारे भारतीय के गौरव नरेन्द्र भाई मोदी ने विश्व के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तथा दूसरी महाशक्ति के रूप में राष्ट्रपति ब्लादिर पुतिन और तीसरी महाशक्ति चीन के राष्ट्रपति सी. जीनफिंग को विश्व के सबसे शक्तिशाली नेता बनने की दौड़ में पछाड़ दिया है। अभी तक प्रायः अमेरिका-रूप-चीन-ब्रिटेन-फ्रांस को ही यह सौभाग्य प्राप्त होता रहा था। मोदी है तो मुकिन है यह कहावत लगातार सच साबित हो रही है। 5वें विश्व योगदिवस के दिन देश को यह खुशखबरी मिली है। 2014 में जब देश की जनता ने अपना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चुना तभी से लगातार प्रतिवर्ष इस महान नेता ने दुनिया में भारत का डंका पिटवा दिया है। नरेन्द्र मोदी जी के एक आह्वान पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को विश्व योग दिवस मानने का निर्णय लिया। विश्व के 177 देश आज योग से जुड़ चुके है। योग के द्वारा विश्व को सदा स्वस्थ रहने का बोध कराया। अभी तक प्रायः लोग प्रवचन तक ही सीमित रहते थे कहावत् भी है ‘‘पर उपदेश कुशल बहुतेरे-जे अचरही ते नर न घनेरे‘‘ यानि दूसरे को उपदेश देना जो सबसे सरल है वही करने वाले बहुत है परन्तु जो उपदेश को आचरण में उतारते है ‘‘ऐसे नर घने नहीं हैं। प्रधानमंत्री ने पहले योग को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाया। वर्षों के अभ्यास के बाद उससे प्राप्त लाभों को दुनिया को बताया। योग को पहले स्वयं जीया, पीया, फिर दूसरों को दिया। एक परम अध्यामिक व्यक्तित्व के धनी महापुरूषों की यही पहचान भी होती है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को भी इसी परमपरा का धनी माना जाता है। गांधी जी सत्य के पूजारी थे, एक बार की बात है एक माता गांधी जी के पास आयी और कहने लगी बापू मेरा बेटा गुड़ बहुत खाता है इसके क्या नुकसान है या नहीं है कृपया मुझें बताइए। गांधी जी ने माता से कहा 2 महीने बाद में मैं बता पाऊंगा कि गुड़ अधिक खाने से क्या फायदा या नुकसान है अतः आप 2 माह बाद मुझसें मिलना। वह माता चली गई दो माह बाद आई तो गांधी जी ने उसको फायदे व नुकसान दोंनो विस्तार से बता दिये। माता ने गांधी जी से पूछ लिया कि यह जबाब देने के लिए आप ने दो माह का समय क्यों लिया, यह तो आप उसी समय भी बता सकते थे। महात्मा गांधी ने मुस्कराते हुए माता से बताया कि जब आप मुझसे पूछने आई थी तो मैं स्वयं गुड खाता था अत मैं कैसे बता सकता था कि खाने या न खाने के क्या लाभ या हानि हैं मैंने पहले स्वयं दो माह गुड खाना बंद किया तब जो मुझें महसूस हुआ वह मैंने आप से कहा है। सत्यवादी राष्ट्रपिता महत्मागांधी से विश्व यू ही प्रेरणा नहीं लेता है। गांधी जी सम्पन्न परिवार के पढें लिखे बैरिस्टर थे। अंग्रेजों ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन यह बैरिस्टर गांधी माहत्मागांधी बनकर उकनी सत्ता को उखाड़ फेंकेगा। गांधी जी ने अपने जीवन को सन्यासी जीवन बनाया। महलों को त्याग कुटिया में रहने लगे। खान-पान-रहन-सहन सब सन्यासियों वाला रखा। माहत्मागांधी जी अन्तिम समय तक सन्यासी ही रहे। भजन-भोजन-बचन-मन-कर्म सब एक रूप था। दक्षिण अफ्रीका के क्रान्तिकारी नेता नेल्सन मडेला जी जैसी शख्सियत भी गांधी जी को अपना आर्दश मानती थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने जब देश व विदेश में अपनी साधु वृत्तिृ से जनमानस को परिचित कराया तो लोग दंग रह गए कि यह इतना जितेन्द्रीय है। माहत्मागांधी की ही भांति मोदी जी भी सत्यवादी है। हमारे देश में एक से बढकर एक मार्गदर्शक हुए और उनका अनुसरण आज भी देश-विदेश में होता है आगे भी होता रहेगा क्योंकि उनका पूरा जीवन एक दर्शन है जिस पर चलकर स्वयं का, देश का और जगत का मंगल होता है। सन्यासी जीवन में बेशक वेश की पहचान है लेकिन भारतीय मनीषा ने वेश से बढकर वृति पर जोर दिया है। वृति से साधु 100 प्रतिशत होता है वरना पूज्य संतशिरोमणी गौस्वामी तुलसीदास जी को श्रीरामचरितमानस में यह बताने की आवश्यकता क्यों पड़ी की मात्र वेंश भूषा से से किसी को संत नहंी माना जा सकता। गुरूदेव ने उदाहरण के रूप में रावण, कालनेगी व राहू का उल्लेख किया है। रावण ने साधू का वेश बनाकर ही माता का अपहरण किया था। कालनेमी ने भी श्री राम के परमभगत हनुमान जी जब संजीवनी बुटि लेने गए तब उनको साधुवेश में पुकारा ताकि विलम्ब कराया जाये श्री हनुमान जी को जड़ी लाने व पहुंचने में। राहू का भी यही चरित्र रहा था। तीनों को अंततः उसका भारी दण्ड मिला। कुल मिलाकर कारण वेश हीनहीं चितवृती को महान बताया हैं। पूज्य संत कबीर साहब ने भी बताया कि ‘‘जात न पूछों साधु की पूछ लीजिए ज्ञान-मोल करो तलवार का पड़ी रहन देा म्यान‘‘ नरेन्द्र मोदी जी ने जब ईमानदारी की बात की तो लोगों ने देखा कि वह 100 प्रतिशत अपने तथा अपने मंत्रिमण्डल के साथ 5 वर्षों तक ईमानदारी पर खरे उतरे। यह किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं थी। भ्रष्टाचार, साम्प्रदायिकता, जातिवाद, क्षेत्रवाद, आंतकवाद, भाई भतीजावाद, परिवारवाद, वंशवाद तथा एक गरीबी, भूखमरी से पीड़ित देश कहलाता था भारत। हो भी क्यों ना 1947 से लेकर 2014 तक बीच के कुछ कार्यकाल जिसमें अटल जी की सरकार रही या बहुत ही कम समय तक लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री रहे छोड़ दिया जाए तो ऐसे ऐसे भ्रष्टाचार के मामले सामने आये जिन्होंने देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ ही तोड़ डाली थी। सोना गिरवी रखकर तनखा बांटने के लिए भारत सरकार को कर्ज लेना पड़ा था। नेता राजनीति में आये तब फटी धोती, साइकिल थी सत्ता के बाद मालामाल इतने हुए की विदेश में उनका धन जमा हैं। काली कमाई करने व देश की जनता की सेवा में लगने वाला बजट तक को चट् कर डालने वाली सरकार बनना आम बात हो गई थी। देश के बारे में कहां जाने लगा था कि यह मूल्क रूस की तरह टूट सकता है। पाकिस्तान जैसे कंगाल मूल्क के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने हमारे देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री को अमेरिका में कहा कि भारत के प्रधानमंत्री को देखकर ऐसा लगता है जैसे किसी गांव की बुढिया को देखना। क्यों ना कहे जब वह सिंह साबह विदेश में बोल रहे थे तब उनकी कैबिनेट के प्रेसनोट को राहुल गांधी ने फाड़ कर फेंक दिया था। यह संदेश था कि वह एक मोहरा मात्र है। वहीं देश है भारत आज आंतकवादियों को उनके आका देश पाकिस्तान में दो-दो बार सार्जिकल व एयर स्ट्राइक कर मौत के घाट उतार दिया। स्पष्ट चेतावनी भी है कि भविष्य में आंतकवाद को समाप्त करने के लिए किसी भी हद तक जाएगें। नरेन्द्र मोदी जी ने कठोर व स्पष्ट संकेत पाकिस्तान को दिया है सुधर जाओं वरना सुधारना मुझें आता है। सेना का खूली छूट है। आज मोदी जी ने जनता की सेवा में स्वयं को खफा दिया है। अपने दूसरे कार्यकाल से पहले एनडीए के सांसदों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मेरे शरीर का एक-एक कण समय का एक-एक छण मेरे देश के लिए है। मैं स्वयं के लिए कुछ भी नहीं करूगां सब अपने देशवासियों की सेवा के लिए करूगां। विश्व के पांच देशों ने दक्षिण कोरिया, फिलिपिन्स, साऊदीअरब,यू.ए.ई. व फ्रांस तथा संयुक्त राष्ट्र ने सर्वोच्च सम्मान प्रदान किया है। आज विश्व के सर्वशक्तिशाली नेता का सम्मान भी नरेन्द्र मोदी जी को मिला है। ब्रिटिश हेराल्ड के एक पोल में रीर्डस ने 2019 का दुनिया का सबसे ताकतवर शख्स चुना है। इस पोल में मोदी ने दुनिया के अन्य ताकतवर नेताओं जैसे ब्लादीमीर पुतीन, डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग को मात दी। इस लिस्ट में दुनिया की 25 से ज्यादा हस्तियों को शामिल किया गया था। शनिवार को वोटिंग खत्म होने तक नरेन्द्र मोदी जी को सबसे ज्यादा 30.9 प्रतिशत वोट मिले। रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमीर पुतीन, को 29.9 प्रतिशत तथा डोनाल्ड ट्रप को 21.9 प्रतिशत व शीजिनपिंग को 18.1 प्रतिशत लोंगो ने वोट दिया।

(नरेन्द्र सिंह राणा)

प्रदेश प्रवक्ता भाजपा
मो0 9415013300