लखनऊ: आल इण्डिया मायनार्टीज़ फैडरेशन तथा मदीना ग्रामीण विकास सेवा संस्थान, मुज़फ्फर खेड़ा, लखनऊ के सामूहिक तत्वाधान में एक हज प्रशिक्षण शिविर होटल मेज़बान लाटूश रोड, लखनऊ में आयोजित किया गया, जिसका उद्घाटन डा0 मौलाना सईदुर्रहमान आज़मी नदवी, प्रिन्सपल नदवा कालेज, लखनऊ के कर कमलों द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने हज यात्रियों से कहा कि हर मुसलमान के दिल में तमन्ना होती है कि वह एक बार हज करें। अल्लाह ने आपको यह अवसर प्रदान किया है आप बहुत खुशनसीब है, इस प्रकार के अवसर जीवन मे बार-बार नहीं आते। अतः खूब प्रशिक्षण प्राप्त करके ही आप हज यात्रा को जाइए ताकि आपसे कोई ग़लती अल्लाह और उसके रसूल मोहम्मद स0 साहब की शान में न हो।

इस कैम्प की अध्यक्षता हजरत मौलाना शाह एैनुल हैदर कलन्दरी उर्फ ज़िया मिया सज्जादा नशीन दरगाह काज़मिया काकोरी ने की। उक्त प्रोग्राम का संचालन हाजी कबीर अहमद (सचिव, मदीना ग्रामीण विकास सेवा संस्थान, मुज़फ्फर खेड़ा, लखनऊ) ने किया। प्रोग्राम के दौरान रिज़वान फारूकी, हिमायत जायसी, हाजी कबीर अहमद और जुल्फिकार हुसैन ‘असर’ ने नात-ए-पाक का नजराना पेश किया। इस प्रोग्राम के कन्वीनर इसरार हुसैन ने अपने समस्त कार्यकर्ता (खादिमुल हुज्जाज) को हज यात्रियों की भरपूर सेवा के निर्देश देते हुए कहा कि यह हज यात्रियों की सेवा हमें जन्नत में पहुंचाने का एक ज़रिया है, मदीना संस्थान के अध्यक्ष नूर अहमद तूबा ने हज यात्रियों से आग्रह किया कि वे भारतवर्ष की खुशहाली के लिए दुआ करें तथा हज के दौरान हम सबकी भी सुख समृद्धि की दुआ करते रहें। इस कैम्प में कानपुर से पधारे ट्रेनर अलहाज शारिक़ अलवी ने अरकाने हज पर प्रकाश डाला तथा प्रोजेक्टर के माध्यम से मक्का एवं मदीना के अहम स्थानों की जानकारी भी दी।

मौलाना मोहम्मद मुस्तफा नदवी ने हज के दौरान पेश आने वाले मसाएल पर रौशनी डाली और आज़मीने हज के सवालों के जवाब प्रश्नोत्तरी सेशन में दिये। अलहाज अन्सार हुसैन ने मदीना मुनव्वराह में हाजियों के कयाम को तफ़सील से बयान किया। इस प्रोग्राम की स्वागत कमेटी में डा0 रईस अहमद खाँ, इसरार हुसैन, वसीम हैदर, एहतिशाम मिर्जा, मो0 खालिद, अरशद आज़मी, अब्दुल गफ़्फ़ार एवं शेख अब्दुल्लाह ने हज यात्रियों का भरपूर स्वागत किया तथा दुओं की दरख्वास्त की। हज यात्रियों को हज व उमराह के प्रेक्टिकल नमूनें की जानकारी भी दी गयी। आज़मीने हज को सचेत किया गया कि हज करना तो आसान है एक हाजी बनकर समाज में जीवन व्यतीत करना मुश्किल कार्य होता है, जो आपको हाजी बनने के पश्चात् समाज को करके दिखाना चाहिए। अन्त में दुआ करते हुए शारिक अलवी ने मुल्क की खुशहाली व शान्ति की प्रार्थना की। इस प्रोग्राम में खिदमत गुजारी का काम निहाल अहमद, अनवार हुसैन, मुख्तार अहमद, मो0 साकिब, मो0 शाहरूख, मकबूल अनवर, मखदूम अनवर, अब्दुल नईम, जाफरी, नफीस अहमद ने अन्जाम दिया। लगभग 400 हज यात्रियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।