लखनऊ: “अनुशासित दिनचर्या ही जीवन है” यह कहना था प्रसिद्ध योगगुरु डाॅ0 अवधेश कुमार शर्मा का। वे आज आकाशवाणी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यशाला “जीवन और योग” को सम्बोधित कर रहे थे। कार्यशाला में आए हुए मुख्य अतिथि डाॅ0 अवधेश कुमार शर्मा एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए केन्द्राध्यक्ष पी. पी. शुक्ला ने जीवन में योग के महत्त्व को बताते हुए कहा कि आज पूरे विश्व में योग का प्रचार प्रसार हुआ है और लगभग सभी देशों में योग दिवस मनाया जा रहा है। जो हमारे देश के लिए गौरव की बात है। कार्यशाला में अपना व्याख्यान देते हुए डाॅ0 अवधेश कुमार शर्मा ने कहा कि सर्वप्रथम अपने शरीर को योग के योग्य बनाएं तभी पूर्ण लाभ सम्भव है। योग में सबसे महत्त्वपूर्ण है कि पहले स्वयं को जानिए। योग मात्र आसन करना ही नहीं है बल्कि संवेदनाओं पर नियंत्रण है। डाॅ0 शर्मा द्वारा कुछ ऐसी क्रियाएं बताई गईं जिनसे ऑफिस में कार्य करते हुए भी शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है। डाॅ0 शर्मा के साथ आई हुई कृति चटर्जी और जिज्ञासा ने सभागार में उपस्थित आकाशवाणी कर्मियों और श्रोताओं को खड़े होने का तरीका, सर्वाइकल, कमर दर्द, पीठ दर्द और साइटिका से मुक्त होने से सम्बंधित आसनों का प्रदर्शन किया और उन्हें आसनों का अभ्यास करने के लिए प्रेरित किया। जिन आसनों का प्रदर्शन किया गया उनमें मुख्य रूप से समकोण आसन, अर्द्ध मत्स्येन्द्र आसन, शीर्षासन इत्यादि थे। कार्यशाला को कार्यक्रम अधिशासी प्रतुल जोशी ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन एफ.एम. आर.जे. सुश्री अपराजिता मेहरा ने किया।

व्याख्यान और कार्यशाला के साथ-साथ आकाशवाणी द्वारा आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रसारित कार्यक्रमों में योग के महत्त्व पर वार्ता, भेंटवार्ता, परिचर्चा और संगीत के कार्यक्रम प्रसारित किए गए।