नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सभी पार्टी अध्यक्षों की बैठक के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है. ये बैठक बुधवार के लिए निर्धारित है. उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी को एक पत्र लिखकर बैठक में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है. पत्र में उन्होंने लिखा कि वन नेशन, वन इनेक्‍शन के मुद्दे पर काफी लंबी चर्चा की जाानी चाहिए.

ममता बनर्जी ने सुझाव देते हुए कहा है कि इस विषय पर संक्षिप्त नोटिस पर व्यक्तिगत रूप से बुलाने के बजाय सभी राजनीतिक पार्टियों को श्वेत पत्र प्रदान करके उन्हें अपने विचार प्रकट करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए.

उन्होंने यह भी पुष्टि की कि उनकी पार्टी स्वतंत्रता दिवस की 75वीं सालगिरह और महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समारोह में भाग लेगी.

बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने ऐसा कदम उठाया है, इससे पहले उन्होंने 15 जून को पीएम मोदी द्वारा बुलाई गई नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार किया था. पीएम मोदी को दिए गए एक जवाब में उन्होंने कहा, "इस तथ्य को देखते हुए कि नीति अयोग के पास वित्तीय शक्तियां नहीं हैं और वह राज्य की योजनाओं का समर्थन नहीं कर सकता है, मेरे लिए ऐसे किसी भी निकाय की बैठक में शामिल होना निरर्थक है, जिसके पास वित्तीय शक्तियां नहीं हैं."

पार्टी प्रमुखों की मीटिंग में भाग लेने से इनकार करना, दो महीनों के अंदर ऐसी तीसरी मीटिंग है जिसमें ममता बनर्जी ने जाने से इनकार किया है. ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में भी भाग लेने से इनकार कर दिया था.