नई दिल्ली: बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार का कहर जारी है। इस बीमारी से अब तक 84 बच्चे काल के गाल में समा चुके हैं। हालात का जायजा लेने के लिए थे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन एसकेएमसीएच पहुंचे। उनकी मौजूदगी में दो बच्चों की मौत हो गई। अस्पताल में बदइंतजामी से मरीजों के तीमारदार गुस्से में हैं। पहले सरकार किसी तरह की कमी से इंकार करती रही है। लेकिन रविवार को माना कि अस्पताल में बेड की कमी है।

इन सबके बीच एक मरीज के तीमारदार ने कहा कि उसके भाई को यहां दो महीने से भर्ती किया गया है। वो चाहता है कि उसके भाई और इलाज के लिए भर्ती सभी बच्चों को उचित देखभाल की जाए। लेकिन तस्वीर सबके सामने है। उसने कहा कि अगर सरकार पुख्ता इंतजाम नहीं कर पा रही है तो उसको भी मार दे। वो लगातार अस्पताल प्रशासन से मांग कर रहा है कि इलाज का समुचित प्रबंध किया जाए। लेकिन अस्पताल की तस्वीर अब सबके सामने है।

चमकी बुखार पर एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया का कहना है कि इस मौसम में बिहार के मुजफ्फरपुर इलाके में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम की खबरें आती हैं। इस विषय पर शोध किया जा रहा है। लेकिन जागरुकता फैलाने की जरूरत है। फिलहाल हमारा मकसद इस बीमारी से होने वाली मौतों को रोकना है। इस संबंध में केंद्र सरकार, राज्य सरकार और एम्स मिलजुल कर इस बीमारी का सामना करने की रणनीति बनाने में जुटे हैं। राज्य सरकार को एम्स सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराएगा।