कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हड़ताल पर चल रहे डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की है. ममता बनर्जी ने कहा कि सरकार ने डॉक्टरों की सभी मांगों को स्वीकार कर लिया है. ममता बनर्जी ने कहा कि डॉक्टर चाहें तो राज्यपाल या मुख्य सचिव से बात कर सकते हैं.

बता दें पश्चिम बंगाल में जारी डॉक्टरों और सरकार के गतिरोध के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. ममता बनर्जी ने कहा कि डॉक्टरों के साथ मारपीट दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में हजारों मरीज डॉक्टरों की हड़ताल से प्रभावित हुए हैं. इस दौरान पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने कहा है कि अस्पतालों की सुरक्षा हमारे लिए प्राथमिकता है.

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक मरीज के परिजनों ने दो डॉक्टरों पर कथित तौर पर हमला कर दिया, जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गये, जिसके बाद मंगलवार से जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं। मरीज की मौत अस्पताल में हो गई थी.

इससे पहले हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने अपनी सुरक्षा को लेकर आशंका जताते हुए राज्य सचिवालय में ममता बनर्जी के साथ शनिवार को बंद कमरे में बैठक का आमंत्रण ठुकरा दिया.

डॉक्टरों ने कहा कि मुख्यमंत्री को गतिरोध दूर करने के उद्देश्य से खुले में चर्चा के लिए एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल आना चाहिए. डॉक्टरों ने कहा कि शनिवार की शाम में राज्य सचिवालय में बनर्जी द्वारा बुलाई गई बैठक में आंदोलनकारी डॉक्टरों का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं होगा.

केंद्र ने पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा और वहां चल रही डॉक्टरों की हड़ताल पर राज्य सरकार से अलग-अलग रिपोर्ट मांगी है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. केंद्र ने शनिवार को यह कदम उठाया. राज्य में पिछले चार बरसों में राजनीतिक हिंसा में लगभग 160 लोग मारे गए हैं.

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर और दोषियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए इस तरह की घटनाओं की जांच के संबंध में राज्य सरकार से एक रिपोर्ट मांगी गई है.

अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की चल रही हड़ताल पर भी एक अन्य विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है. राज्य में डॉक्टरों की हड़ताल से चिकित्सा सेवाएं चरमरा गई हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को किसी भी तरह की हिंसा से बचाने के लिए राज्यों से विशेष कानून लाने पर विचार करने को शनिवार को कहा.
पश्चिम बंगाल में चिकित्सकों पर हुए हालिया हमले के मद्देनजर हर्षवर्द्धन ने यह बात कही.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों को एक पत्र के साथ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा मुहैया किया गया मसौदा अधिनियम – चिकित्सा सेवा जन एवं चिकित्सा सेवा संस्थान (हिंसा एवं संपत्ति को क्षति या नुकसान से रोक) अधिनियम, 2017- की एक प्रति भी संलग्न की. उन्होंने डॉक्टरों पर हमला करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई के मुद्दे पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का ध्यान आकृष्ट किया.

हर्षवर्द्धन ने भविष्य में इस तरह की घटनाओं को टालने की जरूरत का जिक्र करते हुए कहा कि कानून होना चाहिए, ताकि डॉक्टर और अस्पताल अपने कर्तव्य निभा सकें तथा चिकित्साकर्मी किसी हिंसा का सामना किए बगैर अपना काम कर सकेंगे. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन पर हमला करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा सख्त कार्रवाई सुनश्चित की जाए.