नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) के प्रमुख के. सिवन ने गुरुवार को कहा कि भारत अपना अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना बना रहा है और इस महत्वाकांक्षी योजना के पूरा होने पर देश ज्यादा मानव मिशन अंतरिक्ष में भेज सकेगा। सिवन ने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) का हिस्सा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह मिशन गगनयान कार्यक्रम का विस्तार होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि मानव अंतरिक्ष मिशन के कई चरण होंगे।

सिवन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम अलग अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना बना रहे हैं। हम (आईएसएस) उसका हिस्सा नहीं हैं…..हमारा अंतरिक्ष स्टेशन बहुत छोटा होगा। हम एक छोटा मॉड्यूल लांच करेंगे जिसका इस्तेमाल माइक्रोग्रैविटी प्रयोग के लिए किया जाएगा।’’

अंतरिक्ष स्टेशन का वजन करीब 20 टन होने की संभावना है। सिवन ने कहा कि पहले गगनयान मिशन के बाद इस परियोजना को मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें (गगनयान) कार्यक्रम को बरकरार रखना है।’’ सिवन ने कहा कि इसरो इस परियोजना के क्रियान्वयन के लिए 5-7 साल की समयावधि पर विचार कर रहा है। उन्होंने, हालांकि भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन पर आने वाली लागत के संबंध में कुछ नहीं कहा।

फिलहाल पृथ्वी की कक्षा में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्षण स्टेशन ही एक मात्र ऐसा स्टेशन है जो पूरी तरह काम कर रहा है। यहां अंतरिक्ष यात्री तमाम प्रयोग करते हैं। चीन की भी अपने खुद के अंतरिक्ष स्टेशन को बनाने की योजना है।