नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाहभाजपा अध्यक्ष पद जल्द छोड़ना चाहते हैं. पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि उन्होंने प्रमुख पद की जिम्मेदारी से मुक्त होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार में उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी है, उस पर ध्यान केंद्रित करने की इच्छा जताई है.

महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में विधानसभा चुनाव होने तक शाह के दोनों पदों पर बने रहने की मीडिया के एक घड़े की खबरों के विपरीत पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि उनकी इच्छा है कि कोई और इस पद का कार्यभार संभाले और विधानसभा चुनाव से पहले अच्छी तरह जम जाए.

शाह ने उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और दूसरे राज्यों में पार्टी को शानदार जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले अपने विश्वासपात्रों से कहा है कि अध्यक्ष पद के लिए अनिश्चितता को बरकरार नहीं रहने दिया जाएगा और इससे किसी को मदद नहीं मिलेगी. इन सूत्रों ने यह भी संकेत दिया कि पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा 2017 में पार्टी अध्यक्ष की दौड़ में थे, जब तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को मुख्यमंत्री के रूप में गोवा भेजा गया था. उस समय शाह को सरकार में शामिल करने के लिए कदम बढ़ाया गया था जो मूर्त रूप नहीं ले सका. नड्डा बड़ी जीत के बाद शाह के स्वाभाविक उत्तराधिकारी हैं.

दूसरा, मंत्री के रूप में नड्डा का रिकॉर्ड बेदाग रहा है. यही नहीं, उन्होंने विषम परिस्थितियों में उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 62 पर जीत हासिल कर साख कायम की है. तीसरा, आरएसएस के समर्पित स्वयंसेवक नड्डा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से आए हैं.