नई दिल्ली: कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू गुरुवार को हुई पंजाब कैबिनेट की मीटिंग में शामिल नहीं हुए. एनडीटीवी के संवाददाता मोहम्मद गजाली के मुताबिक यह लोकसभा चुनावों के बाद हुई पहली कैबिनेट की मीटिंग थी. मीटिंग में शामिल ना होने की वजह पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच के मतभेद हैं. यह दूसरी बार है जब सिद्धू, सीएम द्वारा बुलाई गई मीटिंग से गायब रहे. वहीं नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कैबिनेट की मीटिंग में ना पहुंचने पर सफाई दी. उन्होंने कहा, 'मैं पूरा सच बोल रहा हूं, सीएम आधा सच बोल रहे हैं. मेरा प्रदर्शन हमेशा से अच्छा है. हर प्रोफेशन में मैंने अच्छा काम किया. मेरे विभाग को क्यों निशाना बनाया गया? मुझे हल्के में नहीं लिया जा सकता. मैं जो बात कर रहा हूं वो एक दम ठीक कर रहा हूं. कांग्रेस की जीत में मेरे पोर्टफोलियो ने अहम भूमिका अदा की है.' पिछले महीने भी सिद्धू उस मीटिंग में शामिल नहीं हुए थे जिसमें सभी विधायक, कैबिनेट मंत्री और नवनिर्वाचित सांसद थे. यह मीटिंग भी सीएम अमरिंदर सिंह ने बुलाई थी. पंजाब में कैबिनेट के दोबारा गठन होने की संभावना है और सीएम अमरिंदर ने यह संकेत दिए हैं कि सिद्धू अपना वर्तमान पोर्टफोलियो खो सकते हैं.

बता दें कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद जब कांग्रेस के अंदर उथल-पुथल और मंथन का दौर जारी था तब भी सिद्धू ने शायराना अंदाज में अपनी प्रतिक्रिया दी थी. सिद्धू ने ट्वीट कर कहा था, 'गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में, वो तिफ़्ल क्या गिरे, जो घुटनों के बल चले'. आपको बता दें कि पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच भी टकराव जारी है. कैप्टन ने जहां सिद्धू से उनका विभाग छीनने का ऐलान कर दिया था, वहीं सिद्धू ने अपने कामकाज को लेकर सफाई दी थी और साथ में कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि उनको पार्टी के लोगों से गालियां दिलाई जा रही हैं लेकिन वे इस पर भी चुप हैं.