नई दिल्ली: केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने जीडीपी और रोजगार से जुड़े तमाम आंकड़े जारी कर दिए हैं। जीडीपी से जुड़े आंकड़े बताते हैं कि इस तिमाही देश की जीडीपी ग्रोथ 6 फीसदी के नीचे आ गई है। देश की आर्थिक वृद्धि दर यानी जीडीपी वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में धीमी पड़कर 5.8 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 8.1 प्रतिशत थी। पिछले पांच सालों में जीडीपी का ये सबसे निचला स्तर है।

वित्त वर्ष 2018-19 में जीडीपी वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रही जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत थी। बता दें कि वित्त वर्ष 2018-19 में राजकोषीय घाटा जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का 3.39 प्रतिशत रहा जो बजट के संशोधित अनुमान 3.4 प्रतिशत से कम है। आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर अप्रैल में कम होकर 2.6 प्रतिशत रही जो पिछले साल इसी महीने में 4.7 प्रतिशत रही थी।

वहीं भारत में बेरोजगारी की दर 2017-18 में 45 साल के उच्च स्तर 6.10 प्रतिशत पर पहुंच गयी है। वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी देश की जीडीपी विकास दर 7.7 फीसदी थी। वित्त वर्ष 2018-19 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 3.39 प्रतिशत रहा है। यह बजट के 3.40 प्रतिशत के संशोधित अनुमान की तुलना में कम है।

राजकोषीय घाटे के बजट के संशोधित अनुमान से कम रहने का मुख्य कारण कर से अन्यत्र अन्य मदों में प्राप्त होने वाले राजस्व में वृद्धि तथा खर्च का कम रहना है। इसके साथ ही भारत में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था का ताज भी खो दिया है। भारत अब चीन से पिछड़ गया है। चीन की विकास दर 6.4 फीसदी रही है।