नई दिल्ली: ममता बनर्जी ने नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं आने का फैसला बंगाल में हो रही हिंसा में टीएमसी को जिम्मेदार ठहराए जाने के बाद लिया है. बीजेपी का दावा है कि बंगाल में चुनाव के दौरान हुई हिंसा में बीजेपी के 54 कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन शामिल नहीं होंगे. ममता बनर्जी ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है. ममता ने मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं आने का फैसला बंगाल में हो रही हिंसा में टीएमसी को जिम्मेदार ठहराए जाने के बाद लिया.

ममता बनर्जी ने चिट्ठी में लिखा है " शुभकामनाएं नए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी. संवैधानिक निमंत्रण को स्वीकार कर मेरा शपथ ग्रहण समारोह में आने का प्लान था. लेकिन पिछले एक घंटे से मैं मीडिया रिपोर्ट्स देख रही हूं ,जिसमें भाजपा दावा कर रही है कि उसके 54 लोग पश्चिम बंगाल में हो रही राजनीतिक हिंसा में मारे गए हैं, जो कि बिल्कुल गलत है. बंगाल में कोई भी राजनीतिक हत्याएं नहीं हुई हैं. इन मौतों की वजहें व्यक्तिगत, पारिवारिक और अन्य विवाद हो सकती हैं, लेकिन कुछ भी राजनीति से संबंधित नहीं है. हमारे पास ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है.

मुझे माफ करें नरेंद्र मोदी जी. इसी वजह से मैं इस समारोह में शामिल नहीं हो रही हूं. ये समारोह लोकतंत्र का जश्न मनाने का मौका है न कि किसी पार्टी को कम आंक कर राजनीति में नंबर बनाने का है. मुझे माफ करें."

बता दें लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत के बाद से ही इस बात की अटकलें लगाई जा रही थीं कि ममता बनर्जी प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगी या नहीं. मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से ये भी खबर सामने आई थी कि ममता 30 मई को होने जा रहे इस कार्यक्रम में शामिल होने जा रही हैं.
ममता ने चुनाव नतीजों से पहले कई चुनाव रैलियों में सार्वजनिक तौर पर मोदी को पीएम मानने से भी इनकार कर दिया था. इसलिए उनके इस फैसले को उनके रुख में आए बदलाव के तौर पर देखा जा रहा था.