पीएम मोदी को पत्र लिखकर सेहत का दिया हवाला

नई दिल्ली: भाजपा नेता अरुण जेटली ने बुधवार को एक पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मंत्रिमंडल में न शामिल करने का अनुरोध किया। उन्होंने पत्र में लिखा कि मुझे मंत्री बनाने पर विचार न करें।

जेटली ने पत्र में कहा कि पिछले 18 महीने से खराब स्वास्थ्य का सामना कर रहा हूं। चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद आपके केदरनाथ जाने से पहले मैंने आपको सूचित किया था कि चुनाव प्रचार की सौंपी गई जिम्मेदारियों का निर्वहन करता रहा। भविष्य में कुछ समय के लिए सभी दायित्वों से परे रहना चाहता हूं। ताकि मैं अपने सेहत और इलाज पर ध्यान दे सकता हूं।

अरुण जेटली फिलहाल उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं। 2014 लोकसभा चुनाव में जेटली अमृतसर से चुनाव लड़े थे। लेकिन कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। 2014 में जब नरेंद्र मोदी बने तो उन्हें वित्त और रक्षा मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया था।

अरुण जेटली खराब सेहत के कारण 2019 का मोदी सरकार का संसद में अंतरिम बजट नहीं पेश कर पाएं थे। उनकी जगह कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने 1 फरवरी 2019 को अंतरिम बजट पेश किया था।

बीमारी से जूझ रहे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। ट्विटर पर चिट्ठी को शेयर करते हुए जेटली ने लिखा, 'पिछले 18 महीने से मैं बीमार हूं। मेरी तबीयत खराब है, इसलिए मुझे मंत्री न बनाने पर विचार करें।' बता दें, कल यानी 30 मई को पीएम मोदी और उनका मंत्रिमंडल शपथ लेगा।

जेटली ने लिखा, 'आपकी (पीएम मोदी) अगुवाई में 5 साल काम करने का अनुभव बहुत ही अच्छा रहा। इससे पहले भी एनडीए सरकार में मुझे जिम्मेदारियां दी गईं। सरकार के अलावा संगठन और विपक्ष के नेता के रूप में मुझे अहम जिम्मेदारियों से नवाजा गया। अब मुझे कुछ नहीं चाहिए।'

खराब सेहत का हवाला देते हुए जेटली ने लिखा, 'पिछले 18 महीनों से मैं गंभीर बीमारी से पीड़ित हूं। चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद जब आप केदारनाथ जा रहे थे, तब मैंने आपको औपचारिक तौर पर कहा था कि स्वास्थ्य कारणों से मैं भविष्य में कोई भी जिम्मेदारी उठाने में असमर्थ रहूंगा। मुझे अपने इलाज और स्वास्थ्य पर ध्यान देना है। बीजेपी और एनडीए ने आपके नेतृत्व में शानदार जीत दर्ज की है। कल नई सरकार का शपथ ग्रहण होने वाला है।'

जेटली ने लिखा, 'मैं आपसे औपचारिक रूप से अनुरोध करने के लिए लिख रहा हूं कि मुझे अपने इलाज और स्वास्थ्य के लिए उचित समय चाहिए और इसलिए मैं नई सरकार में किसी भी जिम्मेदारी का हिस्सा नहीं बनना चाहता हूं। इसके बाद निश्चित तौर पर मेरे पास काफी समय होगा, जिसमें मैं अनौपचारिक रूप से सरकार या पार्टी में कोई भी सहयोग कर सकता हूं।'

अरुण जेटली ने लिखा है कि पिछले 8 महीने से उन्हें सेहत से जुड़ी चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है, कुछ समय के लिए मैं सरकारी जिम्मेदारियों से दूर रहना चाहता हूं ताकी अपने उपचार और सेहत पर ध्यान दे सकूं, मैं आपसे (प्रधानमंत्री मोदी) आग्रह करता हूं कि सेहत और उपचार का ध्यान रखने के लिए मुझे कुछ समय दिया जाए।

जेटली ने अपने पत्र में पीएम मोदी का आभार जताते हुए लिखा कि उनके नेतृत्व में देश के विकास को नए रास्ते पर ले जाने का मौका मिला। जेटली ने पत्र में लिखा, 'पार्टी में रहते हुए मुझे संगठन स्तर पर बड़ी जिम्मेदारी दी गई, एनडीए की पहली सरकार में मंत्री पद और विपक्ष में रहते हुए भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने का मौका मिला। मैं इससे ज्यादा की कुछ और मांग भी नहीं कर सकता।'

प्रधानमंत्री मोदी की पिछली सरकार में अरुण जटली ने वित्त मंत्रालय संभाला है, इसके अलावा कुछ समय के लिए रक्षा मंत्रालय भी देखा है, लेकिन कई बार उनकी सेहत खराब होने की वजह से उन्हें इलाज के लिए विदेश जाना पड़ा है।

इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया है कि उन्हें उपचार के लिए कुछ समय दिया जाए ताकि वह अपनी सेहत का ध्यान रख सकें। आपको बता दें कि लोकसभा चुनावों में शानदार जीत के बाद नरेंद्र मोदी लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री पद के लिए शपथ लेने वाले हैं।

प्रधानमंत्री का शपथग्रहण समारोह 30 मई की शाम को राष्ट्रपति भवन में होना है। इस समारोह में कई केंद्रीय मंत्रियों को भी शपथ लेनी है।

बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें दूसरे कार्यकाल में मंत्री नहीं बनाया जाए। उन्होंने अपने पत्र में खराब स्वास्थ्य का जिक्र किया है। अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा है, ''मेरी सेहत पिछले कुछ समय से खराब है और डॉक्टरों ने आराम करने की सलाह दी है।

मैं यह खत विनती करते हुए लिख रहा हूं कि मैं अपने स्वास्थ्य और अपने लिए वक्त चाहता हूं। इसलिए मैं किसी भी तरह की जिम्मेदारी वर्तमान और नई सरकार में नहीं संभाल सकता हूं।''

अरुण जेटली ने कहा, '' यह मेरे लिए सम्मान की बात रही कि मैं पिछले पांच साल उस सरकार का हिस्सा रहा, जिसका नेतृत्व आप (मोदी) कर रहे थे। इससे पहले भी पार्टी ने मुझे कई जिम्मेदारियां दी थी, जब हम सरकार में थे तब और जब विपक्ष में थे तब भी। मैं इससे ज्यादा की मांग नहीं कर सकता।''