नई दिल्ली: बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो चुके शत्रुघ्नन सिन्हा ने एक नया खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी छोड़ने के मेरे फैसले पर आडवाणी जी की आंखों में आंसू आ गए थे। हालांकि, उन्होंने यह कदम उठाने से मुझे नहीं रोका। शत्रुघ्न सिन्हा का कहना है कि नई राजनीतिक पारी शुरू करने से पहले मैंने आडवाणी जी की आशीर्वाद लिया था। उन्होंने मुझे शुभकामनाएं दीं, लेकिन वह भावुक हो गए थे।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, ‘‘अटल बिहारी वाजपेयी जी और आज के समय में जमीन-आसमान का फर्क आ गया है। उस वक्त देश में लोकतंत्र था, लेकिन आज तानाशाही का माहौल है। आज बीजेपी अपने वरिष्ठ और बुजुर्ग नेताओं के साथ सही व्यवहार नहीं कर रही है। आडवाणी जी बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। उन्हें ही गांधीनगर सीट से टिकट नहीं दिया गया।’’

शत्रुघ्न सिन्हा ने दावा किया कि टिकट कटने से आडवाणी जी काफी ज्यादा दुखी थे। उन्हें सबसे ज्यादा दुख इस बात का था कि टिकट काटने के बारे में उन्हें बताया तक नहीं गया था। शॉटगन के नाम से मशहूर दिग्गज अभिनेता ने कहा कि बीजेपी चाहती थी कि जब वह बैठने को कहे तो मैं बैठ जाऊं और जब खड़ा होने को कहे तो मैं खड़ा हो जाऊं, लेकिन मैं उनके सामने कभी नहीं झुकुंगा।

शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि आज हर हिंदुस्तानी देशभक्त है। अगर पीएम मोदी से बेरोजगारी जैसे मुद्दे पर बात करें तो वह 0पुलवामा की याद दिलाने लगते हैं। वह जनता के असल मुद्दों पर जवाब नहीं दे रहे हैं। मोदी 23 मई के बाद पीएम नहीं रहेंगे। ममता बनर्जी ने उन्हें एक्सपायरी पीएम कहा है, जो सही है। चुनाव परिणाम आने के बाद उन्हें झोला उठाकर ही जाना होगा।

ममता ने सवाल किया कि बीजेपी अध्यक्ष को पता भी है कि ‘कंगाल’ का मतलब क्या होता है। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने बंगाल को कंगाल कहने की हिमाकत कैसे की? यह कहने पर उनसे कान पकड़ कर उट्ठक-बैठक कराना चाहिए।’शाह ने सोमवार को एक रैली में दावा किया था कि तृणमूल कांग्रेस के शासनकाल में ‘सोनार बांग्ला’ अब ‘कंगाल बांग्ला’ बन गया है और बीजेपी ही राज्य के खोए हुए वैभव को लौटा सकती है।