नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव अब अपने अंतिम पड़ाव पर आ खड़ा हुआ है। आखिरी चरण के लिए जब 19 मई को 59 सीटों पर वोटिंग होगी तो उसके बाद बीते 2 महीनों से गूंज रह नारे और तूफानी प्रचार- प्रसार थम जाएंगे। इसके बाद सबकी निगाहें 23 मई पर टिकी रहेंगी जब ईवीएम का पिटारा उन नेताओं की किस्मत का फैसला करेगा जो बीते समय से लोकतंत्र के मंदिर संसद में पहुचने के लिए फिर से या कहें पहली बार इंतजार कर रहे हैं।

जनता द्वारा दिए गए जनादेश का उस दिन फैसला आएगा और इसके साथ ही तय हो जाएगा की अगले 5 साल के लिए सत्ता किसके हाथों में होगी या कहें केंद्र की सत्ता पर किसका राजतिलक होगा। अभी ये सब बातें तो दूर हैं लेकिन उससे पहले ही सरकार और समर्थन को लेकर तमाम तरह के बयान सामने आने लगे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के नेता जहां एक तरफ पूर्ण बहुमत की सरकार का दावा कर रहे हैं तो वहीं कुछ नेताओं की तरफ से चुनाव के बाद की शक्ल को लेकर अभी से बयानबाजी हो रही है। डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा है कि वह गठबंधन को लेकर बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी के संपर्क में नहीं हैं। इसके साथ ही स्टालिन ने कहा कि अगर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष तमिलिसाई और मोदी यह बात साबित कर दें तो वह राजनीति छोड़ देंगे।

डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा, 'अगर तमिलिसाई और मोदी साबित करते हैं कि मैं उनके साथ गठबंधन बनाने के लिए भाजपा के संपर्क में था, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। अगर वे साबित करने में विफल रहते हैं, तो क्या वह और मोदी राजनीति छोड़ देंगे? मैं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष तमिलिसाई द्वारा दिए गए बयान की निंदा करता हूं।'

गौरतलब है कि तमिलनाडु बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष तमिलिसाई सौंदराजन ने डीएमके के बीजेपी के साथ बातचीत को लेकर कहा था, 'हां, यह सच है, वे किसी के माध्यम से बात कर रहे हैं और संपर्क स्थापित कर रहे हैं। भाजपा जीत के लिए पूरी तरह से तैयार है, सभी चुनाव भविष्यवाणियां भाजपा की जीत की ओर इशारा करती हैं, जहां भी आप जाते हैं भाजपा जीत रही है।'