लखनऊ: ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के प्रत्याशी आम चुनाव के सातवें चरण के मतदान में पूर्वांचल की तीन सीटों पर चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। ऐसा इसलिए, क्योंकि राजभर की पार्टी ने इन संसदीय सीटों पर विपक्षी दलों यानी कि कांग्रेस और गठबंधन के उम्मीदवारों को समर्थन देने का फैसला ले लिया है।

दरअसल, टिकट बंटवारे पर राजभर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से खफा हैं। बागी तेवर दिखाते हुए उन्होंने पांचवें, छठे और सातवें चरण के चुनाव में बीजेपी से अलग होकर लड़ने का ऐलान किया था और 39 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे।

ताजा मामले में एसबीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि पार्टी अध्यक्ष ने मिर्जापुर में कांग्रेस, जबकि महाराजगंज व बांसगांव में गठबंधन के उम्मीदवारों को समर्थन देने का फैसला किया है। चूंकि, इन सीटों पर पार्टी द्वारा उतारे गए उम्मीदवारों का किन्हीं कारणों से नामांकन खारिज हो गया था, लिहाजा राजभर की पार्टी ने यह कदम उठाया है।

अरुण राजभर के अनुसार, “तीन प्रत्याशियों के पर्चा खारिज हो जाने के बाद हमने पार्टी कार्यकर्ताओं से इस मसले पर सलाह-मशविरा किया था, जिसमें कांग्रेस और गठबंधन के उम्मीदवारों को समर्थन देने पर आम सहमति बनी है। बीजेपी को इन तीन सीटों पर मात देने का काम हमारे पार्टी कार्यकर्ता करेंगे।”

योगी सरकार में कबीना मंत्री पद से एसबीएसपी चीफ 13 अप्रैल को इस्तीफा दे चुके हैं। इस बात की पुष्टि उन्हीं ने की है। उनके हवाले से रिपोर्ट्स में आगे कहा गया, “मैं इस्तीफा तो दे चुका हूं, पर सीएम योगी ने उसे कबूला नहीं है।” बता दें कि राजभर की पार्टी ने वाराणसी से पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ सिद्धार्थ राजभर को टिकट दिया है।