नई दिल्ली: विवादास्पद इस्लामी उपदेशक जाकिर नाईक ने आय के ज्ञात स्रोत नहीं होने के बावजूद छह साल में भारत में अपने बैंक खातों में 49 करोड़ रुपए से ज्यादा जमा कराने के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दावे को झूठ करार दिया है. उसने कहा कि वह 2010 से अप्रवासी भारतीय (एनआरआई) है और भारत के बाहर से कमाई करता है.

नाईक ने सवाल किया कि क्या 'दबाव इतना ज्यादा था' कि ईडी को अपने राजनीतिक आकाओं के निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए झूठ बोलने की जरूरत पड़ी. अपनी पीआर टीम के जरिये मीडिया को जारी बयान में उसने यह बात कही है. वहीं, एक पत्रिका को दिए इंटरव्यू में उसने नरेंद्र मोदी सरकार पर अंगुली उठाते हुए कहा कि भाजपा की सरकार बनने से पहले सरकार के खिलाफ बोलने की आजादी थी और इंसाफ मिलने की संभावना 80 फीसदी रहती, लेकिन मौजूदा सरकार में इसकी संभावना घटकर 10-20 फीसदी रह गई है.

ईडी ने 2 मई को मुंबई के विशेष कोर्ट में नाईक के खिलाफ 193 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें आरोप लगाया कि उसने भारत और विदेश में करोड़ों रुपए की अवैध संपत्ति बनाई है. आय का कोई ज्ञात स्रोत नहीं होने के बावजूद उसने 49 करोड़ रुपए से ज्यादा भारत में ट्रांसफर किए. इस पर नाईक ने कहा, ''जब सभी सरकारी एजेंसियों समेत हर कोई जानता है कि मेरी आय के कई स्रोत हैं. मेरे द्वारा भरे गए आयकर रिटर्न में मेरी आय हमेशा दिखती है, तो ईडी झूठ क्यों बोल रहा है?'' नाईक फिलहाल मलेशिया में रह रहा है. हालांकि सरकार ने उसके प्रत्यर्पण की कोशिश की थी, लेकिन वहां की सरकार ने उसकी मांग खारिज कर दी थी.