प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के किसान काफी नाराज हैं। पीएम मोदी भले ही पूरे देश में घूम-घूम कर रैलियों के माध्यम से किसानों की दशा सुधारने का दावा करते हैं, लेकिन उन्हीं के क्षेत्र के किसान पूरे दावे पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं। किसानों ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि वे सिर कटा लेंगे, लेकिन जबरन कब्जा किए जा रहे जमीन के एवज में मुआवजा नहीं लेंगे। टीवी 9 भारतवर्ष ने पीएम मोदी के क्षेत्र में जाकर पड़ताल की तो पूरी हकीकत सामने आ गई।

वर्ष 2014 के चुनाव के समय जब नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से चुनाव लड़ने का फैसला किया था, उस समय किसानों की बेहतरी के लिए एक से बढ़कर एक वादे किए थे। हालांकि, पांच वर्ष होने को हैं, लेकिन इन किसानों को आज भी अपने फसल का वाजिब मूल्य नहीं मिल रहा है। किसानों का कहना है कि कभी मौसम की मार से तो कभी किसी अन्य वजह से अक्सर फसलें बर्बाद हो जाती है। यदि किस्मत सही रहा तो हम फसल को लेकर मंडी में बेचने पहुंच जाते हैं, लेकिन यहां उन्हें सही मूल्य नहीं मिल पाता है। इनकी भी हालत देश के अन्य किसानों की तरह है। ये न तो चैन से जी रहे हैं और न हीं चैन से सो पा रहे हैं।

कुछ समय पहले किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘खून से खत’ लिखा था। इसके बावजूद किसी तरह की सुध नहीं ली गई। वाराणसी के ‘मुरादेव’ गांव में किसानों का आरोप है कि उनकी जमीन पर वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा जबरन कब्जा किया जा रहा है। किसान आरोप लगाते हैं कि जमीन के एवज में उचित मुआवज भी नहीं दिया जा रहा है। बनारस के ‘बैरवन’ गांव के सैंकड़ों किसानों ने पीएम मोदी को खून से खत लिखा था। यहां के किसान मेवालाल कहते हैं, “हम लोग पूरी तरह से परेशान हो गए हैं। पांच-छह बार जेल गए हैं। यहां के करीब 70 प्रतिशत लोगों के पास रहने के लिए भी जमीन नहीं है। हमारी जमीन पर जबरन कब्जा किया जा रहा है। भले ही हमारा सिर काट लिया जाए, लेकिन मुआवजा नहीं लेंगे।”

बनारस शहर से करीब 25 किलोमीटर दूर ‘हरपुर’ गांव के किसानों का आरोप है कि इनकी जमीन पर NHAI की तरफ से जबरन कब्जा किया जा रहा है। उचित मुआवजा इन्हें नहीं दिया जा रहा है। यहां के किसान कहते हैं, “जबरन डरा-धमका और पुलिस के बल पर किसानों की जमीन ली जा रही है। खड़े फसल को बर्बाद कर दिया गया और किसानों को सही मुआवजा भी नहीं दिया जा रहा है। मुआवजा इतना कम है कि सरकार धोखा कर रही है। बरसात के दिनों में काफी संख्या में फोर्स को लगा दिया गया। हमें कहा गया कि पैसा नहीं लोगे तो जबरन जमीन पर कब्जा कर लिया जाएगा।”