नई दिल्ली: चुनाव आयोग की तीखी आलोचना करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि जब विपक्ष से संबंधित मामलों की बात आती है, तो आयोग का व्यवहार ''पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण" हो जाता है। आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की विभिन्न शिकायतों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख अमित शाह को क्लीनचिट दिये जाने के मद्देनजर उनका यह बयान आया है।

चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठाए जा रहे सवालों के बारे में पूछे जाने पर गांधी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''जब भाजपा के मुद्दों की बात आती है, तो चुनाव आयोग स्पष्ट रुख अपनाता है, लेकिन जब विपक्ष के मुद्दों की बात आती है, तो यह पूरी तरह से पक्षपाती हो जाता है।"

उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी, सत्तारूढ़ भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की कार्यशैली संस्थानों पर दबाव बनाने की है। गांधी ने कहा, ''यह हर जगह स्पष्ट है – एससी, ईसी, योजना आयोग, आरबीआई। यही उनका रूख है। हम यह उम्मीद नहीं करते कि चुनाव आयोग उस दबाव से प्रभावित नहीं होगा।"

हालांकि उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी और उसे पूरा करना होगा। कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि जो कुछ हो रहा है, वह संस्थाओं पर कब्जा है और इन सभी नकारात्मक प्रभावों के भविष्य में परिणाम सामने आयेंगे। हम भारतीय संस्थानों को परेशान करने, नियंत्रित करने और कुचलने नहीं देंगे।

चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कहा था कि मोदी ने वाराणसी में अपने चुनावी भाषण में सशस्त्र बलों संबंधी बयान में उसके परामर्श या आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया है। आयोग ने महाराष्ट्र के नांदेड़ में दिये गये भाषण में भी प्रधानमंत्री की टिप्पणियों को गलत नहीं पाया था जहां उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि कांग्रेस एक ''डूबता टाइटैनिक" है। इस तरह आयोग, मोदी के खिलाफ पांच शिकायतों पर फैसला ले चुका है और इन सभी मामलों में आयोग प्रधानमंत्री को क्लीनचिट दे चुका है।