जालौन (उत्तर प्रदेश) निवासी राम प्रकाश के 23 वर्षीय पुत्र रविन्द्र सिंह दो वर्ष से अधिक समय से किडनी रोग से ग्रस्त है।एक दिन अचानक उन्हें तेज बुखार आया। पिता ने नजदीक के अस्पताल में दिखाया जहाँ दवा देकर विश्राम के लिए कहा गया। दिन ब- दिन रविन्द्र की स्थिति बद से बदतर होती चली गयी। यह देखकर उसके माता-पिता चिंता में पड़ गये। उन्होंने जैसे तैसे पैसे की व्यवस्था कर दिल्ली के आई. एल पी . एस हॉस्पिटल में दिखाया जहाँ जाँच के दौरान पता चला कि रविन्द्र सिंह की दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं। डॉक्टरों ने बताया कि इसका एक मात्र उपचार किडनी प्रत्यारोपण है। जिसका उपचार खर्च अनुमानतः 5 लाख 40 हजार रूपये है। पुत्र के ईलाज हेतु गरीब पिता ने पहले ही घर गिरवी रख छोड़ा था। परिवार पोषण के साथ इतना भारी खर्च उठाना उनके लिए संभव नही था। बीमारी के कारण रविन्द्र की प्राइवेट नौकरी भी जाती रही। जिससे परिवार की आर्थिक हालत खराब हो गई। रामप्रकाश को समझ नही आ रहा था कि इस विकट परिस्थिति से कैसे पार पाया जाये। राम प्रकाश को अपने एक हितैषी से नारायण सेवा संस्थान द्वारा संचालित विभिन्न निःशुल्क सेवा प्रकल्पों की जानकारी प्राप्त हुई। इस पर उन्होंने उदयपुर आकर संस्थान अध्यक्ष प्रशान्त अग्रवाल से मिलकर उन्हें रविन्द्र के गिरते स्वास्थ्य एवं अपने परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति से अवगत कराते हुये अपने पुत्र के ईलाज हेतु मदद का आग्रह किया। स्थिति की गम्भीरता को देखते हुए अध्यक्ष प्रशान्त अग्रवाल ने संस्थान से रविन्द्र के किडनी प्रत्यारोपण के इलाज में 5,40,000 रु की मदद की गई। इस अवसर पर नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशान्त अग्रवाल ने कहा कि हमने करीब 21 मरीजों की किडनी प्रत्यारोपण के लिए मरीजो की सहायता की है साथ में, संस्थान में हर रोज अन्य बीमारी से पीड़ित मरीजों को शिक्षा और निशुल्क आवास व भोजन व्यवस्था मुहैया भी कराते है ।