नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सारदा चिटफंड घोटाला मामले में कोलकाता पुलिस के पूर्व आयुक्त राजीव कुमार से हिरासत में पूछताछ का आग्रह करने वाले केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से मंगलवार (30 अप्रैल, 2019) को कहा कि इसके लिए उसे साक्ष्य पेश करने होंगे।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने सीबीआई की ओर से पेश सालिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि उसे हमें संतुष्ट करना होगा कि कुमार को हिरासत मे लेकर पूछताछ करने का उसका आग्रह उचित और न्याय के हित में है। पीठ ने तुषार मेहता से कहा कि इस संबंध में साक्ष्य पेश कर हमें संतुष्ट कीजिए कि चिटफंड मामले में साक्ष्य नष्ट करने या उन्हें गायब करने में कुमार की कहीं कोई भूमिका है।

मेहता ने पीठ से कहा कि वह कल कुमार के खिलाफ इस संबंध में साक्ष्य दाखिल कर देंगे। इस पर पीठ ने जांच ब्यूरो की अर्जी बुधवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दी।

न्यायालय के आदेश पर जांच एजेन्सी सारदा चिट फंड घोटाला मामले की जांच कर रही है और अब वह कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से हिरासत में पूछताछ करना चाहती है क्योंकि उसका दावा है कि पूछताछ के दौरान उन्होंने सवालों के टालमटोल वाले जवाब दिए थे।