नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामले की सुनवाई की। उन्होंने इस संबंध में चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मंगलवार को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष यह मामला आया। शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग के वकील को भी तलब किया। सोमवार को कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट से शिकायत की थी कि चुनाव आयोग ने पीएम और भाजपा अध्यक्ष के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन मामलों की शिकायतों पर सुनवाई नहीं की है। बता दें कि चुनाव आयोग भी इसी मामले पर आज सुनवाई कर रहा है।

कांग्रेस की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से कहा कि चुनाव आयोग ने उनकी शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं की जिसके चलते पार्टी को शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाने पर मजबूर होना पड़ा। कांग्रेस का कहना है कि पीएम मोदी और अमित शाह ने तीन रूपों में चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है। कांग्रेस का आरोप है कि जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम और अमित शाह ने घृणित भाषण दिए, अपने भाषणों सेना के पराक्रम का उल्लेख करते हुए वोटों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश की और चुनाव के दिन रैली निकाली। सिंघवी की दलीलों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के वकील को तलब किया है।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में लातूर के औसा में नौ अप्रैल को एक रैली में मोदी ने युवा मतदाताओं से बालाकोट हवाई हमले के नायकों के नाम पर वोट डालने की अपील की थी। समझा जाता है कि महाराष्ट्र में स्थानीय चुनाव अधिकारियों ने यहां निर्वाचन आयोग से कहा है कि प्रधानमंत्री की टिप्पणियां प्रथम दृष्टया उसके आदेशों का उल्लंघन है जिसमें उसने पार्टियों से अपने प्रचार में सशस्त्र सेनाओं का इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहा है।

पश्चिम बंगाल में ‘मोदी जी की वायु सेना’ पर शाह के कथित बयान पर भी फैसला मंगलवार को लिया जाएगा। राहुल गांधी की मोदी के खिलाफ ‘चौकीदार चोर है’ टिप्पणी भी निर्वाचन आयोग की जांच के घेरे में है और इस पर भी मंगलवार को फैसला होना है।