नई दिल्ली : मुंबई 26/11 आतंकी हमले में शहीद हेमंत करकरे पर मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की टिप्पणी पर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीएस हुड्डा ने रविवार (21 अप्रैल 2018) को प्रतिक्रिया व्यक्ति करते हुए कहा कि हां ऐसे बयान से दुख होता है जब किसी शहीद के बारे में ऐसी बातें कही जाती हैं। उन्होंने कहा कि सेना हो या पुलिस पूरा सम्मान दिया जाना चाहिए। ऐसे बयान ठीक नहीं है। हालांकि भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के इस विवादित बयान पर चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा।

गौर हो कि गुरुवार की शाम भोपाल में बीजेपी की बैठक में प्रज्ञा ने कहा था कि मैंने करकरे को सर्वनाश होने का शाप दिया था और इसके सवा माह बाद आतंकवादियों ने उन्हें मार दिया। साथ ही उन्होंने कहा था कि मुंबई एटीएस के तत्कालीन चीफ हेमंत करकरे उन्हें जेल में काफी यातनाएं दी थीं। मुंबई एटीएस प्रमुख का नाम लेते हुए कहा था, 'मैं उस समय मुंबई जेल में थी। जो जांच बैठाई गई थी। सुरक्षा आयोग के सदस्य ने हेमंत करकरे को बुलाया और कहा था कि जब सबूत नहीं है तुम्हारे पास तो साध्वी जी को छोड़ दो। सबूत नहीं है तो इनको रखना गलत है, गैरकानूनी है। वह व्यक्ति कहता है कि मैं कुछ भी करूंगा, मैं सबूत लेकर के आऊंगा। कुछ भी करूंगा, बनाऊंगा करूंगा, इधर से लाऊंगा, उधर से लाऊंगा लेकिन मैं साध्वी को नहीं छोड़ूंगा।'

हिरासत के दौरान यातना देने का आरोप लगाते हुए प्रज्ञा ने कहा, 'इतनी यातनाएं दीं, इतनी गंदी गालियां दीं जो असहनीय थी मेरे लिए। मेरे लिए नहीं किसी के लिए भी। मैंने कहा तेरा सर्वनाश होगा। ठीक सवा महीने में सूतक लगता है। जब किसी के यहां मृत्यु होती है या जन्म होता है। जिस दिन मैं गई थी उस दिन इसके सूतक लग गया था। ठीक सवा महीने में जिस दिन इसको आतंकवादियों ने मारा उस दिन सूतक का अंत हो गया।'

प्रज्ञा ने कहा था, 'यह उसकी कुटिलता थी। यह देशद्रोह था, यह धर्मविरुद्ध था। तमाम सारे प्रश्न करता था। ऐसा क्यों हुआ, वैसा क्यों हुआ? मैंने कहा, मुझे क्या पता भगवान जाने। तो क्या ये सब जानने के लिए मुझे भगवान के पास जाना पड़ेगा। मैंने कहा कि बिल्कुल। अगर आपको आवश्यकता है तो अवश्य जाइए। आपको विश्वास करने में थोड़ी तकलीफ होगी, देर लगेगी। लेकिन मैंने कहा, तेरा सर्वनाश होगा।' साध्वी ने कांग्रेस पर उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया है। हालांकि इस बयान के बाद चारों तरफ से आलोचना होने के बाद प्रज्ञा ने शुक्रवार को अपना बयान वापस ले लिया था और माफी भी मांग ली थी।

बीजेपी ने प्रज्ञा के बयान से खुद को अलग कर लिया। बीजेपी के नेताओं ने भी उनके बयान की आलोचना की। गोरखपुर से बीजेपी विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल ने ट्वीट कर कहा कि हेमंत करकरे आतंकवादियों से मुकाबला करते हुए शहीद हो गए और उनकी शहादत का अपमान करना न सिर्फ शर्मनाक बल्कि राजद्रोह भी है। हेमंत करकरे भारत के महान शहीद और बेहतरीन पुलिस अधिकारी थे। महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी कहा कि प्रज्ञा को दिवंगत हेमंत करकरे पर विवादित बयान नहीं देना चाहिए था।

प्रज्ञा 29 सितंबर, 2008 को मालेगांव में हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले में आरोपी हैं और तकरीबन 9 साल जेल में रही हैं। इस मामले में वह इन दिनों जमानत पर चल रही हैं। प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए कानून) के तहत मामला कोर्ट में विचाराधीन है। हालांकि, इस मामले में मकोका के तहत उन्हें क्लीन चिट मिल चुकी है। गौर है कि 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मुंबई के कई जगहों पर हमले किए थे। उसी दौरान करकरे और मुंबई पुलिस के कई अधिकारी शहीद हुए थे।

कट्टर हिन्दुत्व छवि की साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को बीजेपी ने भोपाल लोकसभा सीट पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह के खिलाफ उम्मीदवार बनाया है। भोपाल लोकसभा सीट के लिए 12 मई को वोटिंग होनी है।