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जागरूकता के बावजूद भारत में कीटाणु नाशक समाधान का उपयोग नहीं करते लोग

नई दिल्‍ली: लाइजॉल ने रणनीतिक सर्च कंसल्‍टेंसी इनसाइट द्वारा किए गए सर्वे के परिणाम जारी किए हैं। सर्वे के परिणाम घरों के लिए कीटाणु नाशक की आवश्‍यकता के प्रति भारतीयों के व्‍यवहार पैटर्न और उनकी धारणाओं को उजागर करने पर एवं प्रत्‍येक भारतीय परिवार में इसे प्राथमिकता बनाने की तत्‍काल आवश्यकता को बढ़ावा देने पर केंद्रित हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में केवल 29 प्रतिशत सफाई के अवसर ही कीटाणु को मारते हैं, जबकि अमेरिका के लिए यह आंकड़ा 53 प्रतिशत, ब्राजील के लिए 60 प्रतिशत, ब्रिटेन के लिए 51 प्रतिशत और चीन के लिए 57 प्रतिशत है। यह भारत को नाइजीरिया, केन्‍या, दक्षिण अफ्रीका और तुर्की जैसे देशों के साथ निचले पायदान पर रखता है।

जब भारत के आंकड़ों पर विशेष रूप से नजर डालते हैं, तो सर्वे में पाया गया कि 95 प्रतिशत भारतीय कीटाणुओं के प्रति जागरूक हैं, इनमें से 42 प्रतिशत लोगों का मानना है कि उनके परिवार की रक्षा और उनके घरों में स्‍वस्‍थ व स्‍वच्‍छ वातावरण बनाए रखने के लिए प्रतिदिन कीटाणु नाशक समाधान के उपयोग की जरूरत है। जबकि लगभग 62 प्रतिशत इन कीटाणुओं की उपस्थिति के बारे में चिंतित हैं, लेकिन इस समस्‍या के समाधान के लिए वह कीटाणु नाशक समाधान का उपयोग नहीं करते हैं। 60 प्रतिशत से अधिक उपभोक्‍ता धूल, मिट्टी या दाग को हटाने के लिए सफाई करते हैं, जबकि केवल 29 प्रतिशत भारतीय ही नियमित आधार पर अपने घरों को कीटाणुरहित बनाते हैं।

भारतीयों द्वारा अपने घरों को साफ करने के लिए कई तरीकों को अपनाया जाता है, जिसमें सबसे सामान्‍य तरीका है कपड़े और बर्तन धोने में इस्‍तेमाल किए जाने वाले साबुन और डिटर्जेंट से धुलाई करना। अपने घरों में कीटाणुओं को मारने वाले इन लोगों में से 42 प्रतिशत अभी भी फ‍िनाइल का उपयोग करते हैं, जबकि 40 प्रतिशत लोग डिटर्जेंट का उपयोग करते हैं।

अध्ययन से पता चलता है कि 79 प्रतिशत भारतीयों का यह मानना है कि शौचालय के भीतर कीटाणुओं की मौजूदगी सबसे बड़ी चिंता है, 65 प्रतिशत लोग मानते हैं कि फर्श पर सबसे ज्यादा कीटाणु होते हैं, 63 प्रतिशत का कहना है कि यह बाहर/शौचालय में हैं, जबकि 61 प्रतिशत का यह मानना है कि यह किचन काउंटर पर होते हैं और 59 प्रतिशत का कहना है कि सबसे ज्यादा कीटाणु किचन सिंक में पाए जाते हैं।

किचन और बाथरूम फर्श की तुलना में, भारतीयों को ‘अन्‍य फर्श’ पर कीटाणु नाशक की सबसे ज्‍यादा जरूरत है, जिसके लिए 21 प्रतिशत से अधिक भारतीय किटाणु मुक्‍त, रोगाणु नाशक और बैक्‍टेरिया के लिए समाधान चाहते हैं। हालांकि, पहली प्राथमिकता यह जांचना है कि‍ क्‍या वह सतह पर उपयोग करने के लिए सुरक्षित हैं।

भारतीय कीटाणु नाशक लेते समय दैनिक भोजन और धूल सहित कई अन्‍य चीजों को देखते हैं, इनमें से एक तिहाई से ज्‍यादा लोग भोजन को सुरक्षित और कीटाणु-मुक्‍त रखने के लक्ष्‍य के साथ फर्श के लिए कीटाणु नाशक चाहते हैं।

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