नई दिल्ली: कर्नाटक में कांग्रेस के स्थानीय नेताओं को राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के बेटे की उम्मीदवारी का विरोध करने का फैसला भारी पड़ा। पार्टी ने मंड्या सीट से सीएम कुमारस्वामी के बेटे निखिल की उम्मीदवारी का विरोध करने पर अपने सात ब्लॉक अध्यक्षों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।

पार्टी ने यह कदम नेताओं के पार्टी लाइन के खिलाफ जाने पर उठाया है। राज्य में गठबंधन की घोषणा के बाद मंड्या लोकसभा सीट के जेडीएस के खाते में जाने के बाद से यहां उठापठक थमने का नाम नहीं ले रही है। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं में इस सीट के जेडीएस के खाते में जाने को लेकर बहुत असंतोष व्याप्त है।

पार्टी नेतृत्व के निर्णय के खिलाफ स्थानीय कार्यकर्ता अपना विरोध भी दर्ज करा चुके हैं। पार्टी कार्यकर्ता इस सीट से दिवंगत अभिनेता अंबरीश की पत्नी सुमालता को टिकट दिए जाने की मांग कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि पार्टी सुमालता को मैदान में नहीं उतारती है तो उन्हें देवगौड़ा के पोते के पक्ष में प्रचार करने के लिए दबाव नहीं दिया जाना चाहिए।

पार्टी इस विरोध को दबाने को लेकर कई दौर की बातचीत कर चुकी है। पार्टी पदाधिकारियों का कहना है ‘व्यापक हित में सेक्युलर ताकतों को एकजुट होने की जरूरत है।’ पिछले सप्ताह पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर पार्टी कैडर से संयुक्त उम्मीदवार का समर्थन करने का आग्रह किया था।

विरोध थमता नहीं दिखते हुए पार्टी ने मांड्या के पदाधिकारियों को शुक्रवार को डिस्मिस कर दिया। जिन लोगों को पार्टी से निकाला गया है उनमें मांड्या ग्रामीण ब्लॉक कांग्रेस समिति (बीसीसी) के अध्यक्ष एच. अप्पाजी, भारतीनगर बीसीसी अध्यक्ष एएस राजीव, मलावाल्ली ग्रामीण बीसीसी अध्यक्ष पुट्टारामू, मलावाल्ली शहरी बीसीसी अध्यक्ष केजी देवराजू, नागमंगला सिटी बीसीसी अध्यक्ष एम, प्रसन्ना, केआर पेट बीसीसी अध्यक्ष केआर रविंद्र बाबू और मेलूकोट बीसीसी अध्यक्ष एसबी प्रकाश शामिल हैं। मालूम हो कि पार्टी ने भाजपा से मुकाबला करने के लिए जेडीएस के साथ लोकसभा में गठबंधन किया है। वहीं भाजपा ने येदियुरप्पा के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव में उतरने का फैसला किया है।