लखनऊ. विश्वभर के लोगों में अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देशय हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। ये बात 1948 की है जब जेनेवा में एक आयोजित सभा में निर्णय लिया गया था कि हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जायेगा और पहला विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल 1950 को मनाया गया।

रेडियस ज्वाइंट सर्जरी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ संजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा, कि विश्व स्वास्थ्य दिवस हर साल इसलिये मनाया जाता है ताकि दुनिया भर के लोगों में स्वस्थ रहने की आदतों को बढ़ावा दिया जा सकें। हम सभी को पता है कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिये व्यायाम करना कितना जरूरी होता है लेकिन आलस के कारण ज्यादातर लोग इन जरूरी बातों का ध्यान नहीं रखते। वर्तमान में तनावपूर्ण माहौल और शारीरिक सक्रियता की कमी के कारण जोड़ों में दर्द होता है। समय की कमी की वजह से हम व्यायाम नहीं कर पाते। लगातार कई घंटों तक एक ही कुर्सी और कंप्यूटर के आगे बैठने से आपके जोड़ अकड़ जाते हैं। इसलिए जरूरी है कि अपने लिये थोड़ा वक्त निकालें और जोड़ों की समस्या से बचाव कीजिए।

अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशलटी हॉस्पिटल के संस्थापक एवं सह-चेयरमैन, डॉ. सुशील गट्टानी ने कहा कि इस वर्ष का विश्व स्वास्थ्य दिवस का नारा है 'हेल्थ फॉर आल'| हम निरंतर प्रयास करते हैं की सभी को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिले द्य विश्व में आज लाखों -करोड़ों लोग टीबी, एनीमिया, एड्स, कैंसर, पोलियो-अल्जाइमर, डिप्रेशन, पैनिक अटैक, एंजायटी इत्यादि रोग से पीड़ित है। अधिकांश लोग व्यस्तता और तनावग्रस्त जिंदगी में अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पा रहे है। इसलिए जागरुकता के उद्देश्य के लिए विश्व स्वास्थ्य दिवस प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है। डब्ल्यूएचओ विभिन्न बीमारियों और स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने के साथ-साथ स्वास्थ्य सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई सराहनीय कदम उठायें है। हम हमेशा कहते हैं कि “स्वास्थ्य ही धन है”। एक खुशहाल जीवन जीने के लिए, एक व्यक्ति का स्वस्थ सेहतमंद होना आवश्यक है।