नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को दिल्ली के एक स्पेशल कोर्ट में बताया कि उसने 3600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ के लिए मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी को तलब किया है।

एजेंसी ने स्पेशल जज अरविंद कुमार को बताया कि पुरी को इसलिए बुलाया गया है ताकि उनका सामना इस मामले के आरोपी और कथित बिचौलिए सुशेन मोहन गुप्ता से कराया जा सके। बता दें कि गुप्ता को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने पुरी से पूछताछ की जरूरत पर जज को जानकारी दी। कोर्ट एजेंसी की उस दरख्वास्त पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें पूछताछ के लिए गुप्ता की कस्टडी और 6 दिन बढ़ाने की मांग की गई थी।

ईडी के वकील डीपी सिंह ने अदालत से यह भी कहा कि फिलहाल रतुल पुरी इस मामले में सिर्फ ‘संदिग्ध’ हैं। उनका बयान लेने के बाद गुप्ता से उनका आमना-सामना कराया जाएगा। कोर्ट ने 3 दिन की रिमांड की इजाजत दे दी। बुधवार को जांच में शामिल होने के लिए तलब किए गए पुरी ने इस मामले से किसी तरह का कनेक्शन या संलिप्तता होने को सिरे से खारिज किया। उनकी कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘वह ईडी की जांच में पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं और जरूरत पड़ने पर किसी भी तरह की सफाई या जानकारी देंगे।’

गुप्ता को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत 23 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद से ही वह ईडी की कस्टडी में हैं। ईडी के वकील सिंह ने कोर्ट से कहा कि सुशेन गुप्ता की कस्टडी में पूछताछ बेहद जरूरी है क्योंकि वह संक्षिप्त नाम RG को लेकर गलत जवाब दे जांच को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। वकील के मुताबिक, गुप्ता की डायरियों और पेन ड्राइव के डेटा में कई जगह RG का जिक्र है। सिंह ने वकील को बताया, ‘2004 से 2006 के बीच आरजी से 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम की लेनदेन की बात दर्शाई गई है। सुशेन ने आरजी का मतलब रजत गुप्त बताया है।’ वकील के मुताबिक, गुप्ता के दावों की जांच की जा रही है।

वकील ने अदालत को बताया, ‘सुशेन ने अपने बयान में कहा है कि वह सिर्फ एक आरजी को जानता है जोकि रजत गुप्ता (श्रीराम हरिराम ज्वेलर्स के डायरेक्टर) हैं। हालांकि, रजत गुप्ता के बयान रिकॉर्ड करने के दौरान जब उन्हें सुशेन का बयान दिखाया गया तो उन्होंने कहा, ‘मेरा नाम रजत गुप्ता है, मैं नहीं कह सकता कि सुशेन मेरे नाम आरजी के तौर पर क्यों बताना चाह रहे हैं।’ एजेंसी का कहना है कि सुशेन यह सही सही नहीं बता रहा कि असली ‘आरजी’ कौन है, जिसका जिक्र दस्तावेज में है। इस वजह से घटनाओं के बारे में सही जानकारी हासिल करने, सबूतों से छेड़छाड़ रोकने और मामले से जुड़े लोगों को प्रभावित करने से रोके जाने के लिए उसकी कस्टडी में पूछताछ जरूरी है। वहीं, सुशेन गुप्ता की ओर से अदालत में पेश सीनियर वकील पीवी कपूर ने ईडी की रिमांड की याचिका का विरोध किया। उनका कहना था कि एजेंसी चाहती है कि उनका क्लायंट ऐसी बड़ी हस्तियों का नाम ले, जिनके नाम एजेंसी वालों के दिमाग में ही चल रहे हैं।