लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र को छलावा बताया है और भाजपा नेताओं पर जातिवादी तथा अनर्गल बयानबाजी का आरोप लगाया है. बसपा नेता ने बुधवार को अपने ट्वीट में कहा 'लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का घोषणापत्र पूर्व के उनके वादों की तरह ही दिखावा और छलावा ज्यादा लगता है. कांग्रेस की लगातार वादाखिलाफी का ही परिणाम है कि उसके वादों के प्रति जनता में विश्वास नहीं है. वैसे इस मामले में कांग्रेस तथा भाजपा में ज्यादा फर्क नहीं है.'

इससे पहले उन्होंने एक ट्वीट करके भारतीय जनता पार्टी पर निशान साधा था. उन्होंने ट्वीट किया, 'भाजपा के नेता बसपा-सपा-रालोद गठबंधन के हाथों हार के डर से इतने ज्यादा भयभीत हैं कि वे मुद्दों के बजाए गठबंधन और इसके शीर्ष नेताओं के खिलाफ जातिवादी तथा अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. इनके उकसावे में नहीं आना है और चुनाव में अच्छा रिजल्ट दिखाकर इन्हें मुंहतोड़ जवाब देना है.'

बता दें, मायावती ने मंगलवार को भी भाजपा और कांग्रेस दोनों पर तीखा हमला किया और उन पर अमीरों को फायदा पहुंचाते हुए दलितों और अल्पसंख्यकों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया. ओडिशा में एक रैली से अपनी पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान का आगाज करते हुए बसपा सुप्रीमो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजग सरकार पर जल्दबाजी में जीएसटी पेश करने और उसे उचित तरीके से लागू करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया, जिससे देश के युवाओं में बेरोजगारी बढ़ी.

उन्होंने नोटबंदी पर भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जल्दबाजी में उठाए गए कदम से छोटे कारोबारियों और व्यापारियों का शोषण हुआ. मायावती ने कहा, ‘कांग्रेस और भाजपा दोनों भ्रष्ट हैं. कांग्रेस बोफोर्स घोटाले में अपनी संलिप्तता के लिए खबरों में थी तो भाजपा सरकार राफेल सौदे में फंसी हुई है.' दोनों पार्टियों पर बरसते हुए बसपा सुप्रीमो ने उन पर दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यक वर्गों के विकास के लिए कभी काम ना करने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा, ‘दलितों की ओर उनकी भेदभावपूर्ण मानसिकता अब भी नहीं बदली है.' उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान बेरोजगारी काफी बढ़ गयी. हालांकि, ओडिशा में बसपा की मौजूदा काफी सीमित है लेकिन पार्टी हाल के समय में राज्य में लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनाव लड़ रही है.