नई दिल्ली: मेहसाणा हिंसा मामले में कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है। इसका अर्थ ये है कि वो आगामी चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। हार्दिक ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ गुजरात हाईकोर्ट में अपील की थी । लेकिन वहां से राहत नहीं मिली थी। निचली अदालत ने हार्दिक पटेल को दो साल की सजा सुनाई थी जिसे गुजरात हाईकोर्ट ने बरकरार रखा था। इसका अर्थ ये है कि रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट 1951 के तहत वो चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ हार्दिक ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है जिस पर आज सुनवाई हुई।

2015 में मेहसाणा में बीजेपी कार्यालय में तोड़फोड़ केस में हिंसा हुई थी और उसके लिए हार्दिक पटेल को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गई। करीब तीन साल के बाद निचली अदालत ने उन्हें हिंसा के लिए दोषी माना और दो साल की सजा सुनाई थी।

बता दें कि पाटीदार समाज को आरक्षण के मुद्दे पर हार्दिक पटेल आंदोलन कर रहे थे। लेकिन उस आंदोलन में भीड़ हिंसक हुई और बीजेपी दफ्तर को निशाना बनाया गया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद साफ है कि कम से कम लोकसभा चुनाव में हार्दिक पटेल शिरकत नहीं कर सकेंगे। ऐसे में सवाल ये है कि कांग्रेस को प्रदर्शन किस हद तक प्रभावित होगा। जानकार कहते हैं कि इस फैसले के बाद कांग्रेस अब खुलकर बीजेपी पर हमला नहीं कर सकेंगी।