नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को इस बात पर संदेह व्यक्त किया कि भारत 7 फीसदी की दर से बढ़ सकता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि GDP डाटा की स्थिति को साफ करने के लिए सम्मानित अर्थशास्त्रियों को निगरानी के लिए नियुक्त करना चाहिए.
लोकसभा चुनावों से पहले भारत के गरीबों को न्यूनतम आय गारंटी समर्थन की गारंटी देने के कांग्रेस के मेगा वादे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, 'इनकम ट्रांसफर योजना केवल तभी संभव है जब इससे बहुत गरीबों को टारगेट किया गया हो क्योंकि भारत में गरीबों की सटीक संख्या को लेकर अलग-अलग अनुमान हैं और इस पर काफी विवाद हो चुके हैं.

राजन ने यह भी कहा कि अगर वो वित्त मंत्री होते तो इस बिंदु पर उनकी प्राथमिकता भूमि अधिग्रहण, बैंक क्लीनअप और एग्रीकल्चर सेक्टर की पॉलिसी को पुनर्जीवित करने की होती.

राजन ने कहा, मैं निश्चित रूप से अल्पकालिक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करता. उन पाइपलाइन प्रोजेक्ट्स को ट्रैक पर लाने की कोशिश करता. बैंकों को जल्द से जल्द क्लीनअप करता और उन्हें क्रेडिट ग्रोथ के रास्ते पर वापस सेट करता. उन्होंने स्वीकार किया कि इनमें से कुछ पर कदम पहले से ही ले लिया गया है. वह दो या तीन प्रमुख रिफॉर्म्स की भी कोशिश करते जो विकास को गति दे सकता.

निश्चित रूप से उनमें से एक सुधार होता कि हम कैसे कृषि को पुनर्जीवित कर पाएं जिससे संकट कम हो जाता. दूसरा भूमि अधिग्रहण का मुद्दा होगा.